बीजिंग, 30 मई . अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्थान की कन्वेंशन हस्ताक्षरित रस्म हांगकांग में आयोजित की गई. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने इसमें भाग लिया और भाषण दिया. एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और यूरोप के 85 देशों और लगभग 20 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के लगभग 400 उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. उनमें से, 32 देशों ने मौके पर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए और संस्थापक सदस्य बन गए.
वांग यी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर की प्रस्तावना इस बात पर जोर देती है कि विभिन्न देशों को सद्भाव में रहना चाहिए और अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा बनाए रखना चाहिए. चीन हमेशा आपसी समझ और समायोजन की भावना से मतभेदों को संभालने, बातचीत और परामर्श के माध्यम से आम सहमति बनाने, सहयोग और जीत-जीत के रवैये के साथ विकास को बढ़ावा देने, भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ समस्याओं को हल करने और चीनी विशेषताओं वाले मुद्दों के समाधान की सक्रिय रूप से खोज करने की वकालत करता है.
तीन साल पहले, चीन ने समान विचारधारा वाले देशों के साथ संयुक्त रूप से अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव रखा था. अथक प्रयासों के बाद, अंततः कन्वेंशन संपन्न हुआ, जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से व्यापक समर्थन और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. अंतर्राष्ट्रीय कानून के शासन के क्षेत्र में एक अभिनव कदम के रूप में, अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्थान अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के इतिहास में बहुत महत्व रखता है.
पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार, जिम्बाब्वे के विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री अमोन मुरवीरा, निकारागुआ के अटॉर्नी जनरल मोरालेस अर्बिना, सर्बिया के न्याय मंत्री नेनाद वुजिक, स्विस विदेश मंत्री इग्नाटियस कैसिस और संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव ली चुनहुआ ने क्रमशः भाषण दिए.
सभी पक्षों ने मध्यस्थता संस्थान के समकालीन मूल्य और दूरगामी महत्व की अत्यधिक पुष्टि की. वे मानते हैं कि वर्तमान दुनिया में बढ़ते संघर्षों और तीव्र विभाजनों की स्थिति में मध्यस्थता संस्थान महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक महत्व के साथ सही समय पर स्थापित हुआ. मध्यस्थता संस्थान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप है, सम्मान, आपसी विश्वास, न्याय और सद्भाव का प्रतीक है, बहुपक्षवाद को मजबूत करने के लिए एक प्रभावी उपाय है और वैश्विक शासन के सुधार के लिए एक प्रमुख स्तंभ और वैश्विक कानून के शासन को बढ़ावा देने में एक नया मील का पत्थर बन जाएगा.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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