महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढह गई है. इस घटना के बाद से राज्य में विवाद बढ़ गया है. राज्य सरकार पर विपक्षी नेता लगातार हमला कर रहे हैं.
घटना के तुरंत बाद, सरकार ने कार्रवाई की. मूर्तिकार और ऑडिट के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. सरकार ने जांच समिति भी बनाई और घटना के लिए माफी मांगी. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नई मूर्ति बनाने का भी ऐलान किया.
फिर भी, यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गई है. विपक्षी नेता इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने और अपने राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं.
विपक्षी नेताओं विजय वडेट्टीवार, अंबादास दानवे, जयंत पाटिल, सतेज पाटिल, और आदित्य ठाकरे ने सिंधुदुर्ग की घटना स्थल पर पहुँच कर सरकार के रवैये की आलोचना की. उन्होंने सोशल मीडिया पर गिरी हुई मूर्ति की तस्वीरें साझा कीं, जिसे धार्मिक तनाव भड़काने की कोशिश माना गया.
आरोप यह भी है कि ये नेता घटना के बाद ही सिंधुदुर्ग पहुंचे और स्थानीय राजनीति का फायदा उठाने की कोशिश की. कहा जा रहा है कि इनका मकसद महाराष्ट्र को बांग्लादेश बनाने की रणनीति है. विपक्षी नेताओं पर महाराष्ट्र में जातिगत और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने का भी आरोप है.