New Delhi, 15 जुलाई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर विवादित कार्टून बनाने के मामले में इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को Supreme court से बड़ी राहत मिली है. Supreme court ने मालवीय की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है.
Supreme court ने Tuesday को मालवीय को अंतरिम राहत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 अगस्त के बाद तय की है. सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने अभिव्यक्ति की आजादी की मर्यादा पर बात की. कोर्ट ने कहा कि आजकल लोग ऐसी चीजें भी लिखते हैं, जिसमें भाषा का स्तर उचित नहीं होता है. जिसे जो मन में आता है वह लिख देता है.
वहीं, मालवीय की वकील वृंदा ग्रोवर ने Supreme court में दलील दी थी कि हेमंत की ओर से बनाया गया कार्टून सिर्फ व्यंग्यात्मक था.
इससे पहले, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद मालवीय ने Supreme court का रुख किय. यह मामला 2021 में कोविड काल के दौरान बनाए गए एक कार्टून से जुड़ा है जो आपत्तिजनक था.
हाईकोर्ट ने मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि भविष्य में भी वे ऐसा कर सकते हैं. इस कारण उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया गया.
इस साल मई में आरएसएस के एक सदस्य की शिकायत पर मालवीय के खिलाफ केस दर्ज हुआ. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 3 जुलाई को अपने आदेश में कहा कि मालवीय ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया और विवादित कार्टून बनाते समय विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. कोर्ट ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का जानबूझकर किया गया कृत्य माना था.
हाईकोर्ट के जस्टिस सुबोध अभ्यंकर ने सुनवाई के दौरान कहा था कि मालवीय ने आरएसएस, प्रधानमंत्री और भगवान शिव को अपमानजनक तरीके से चित्रित कर संविधान के तहत दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा पार की. कोर्ट ने उनकी हिरासत में पूछताछ की जरूरत बताते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
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पीएसके/एएस