भारत में तेजी से बढ़ रहा उपभोग, कृषि विकास दर में भी वृद्धि जारी: रिपोर्ट

नई दिल्ली, 9 दिसंबर . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का कंज्यूमर कॉन्फिडेंस नवंबर में भविष्य के लिए आशावान हो गया है. वहीं, ग्रामीण मोर्चे पर कृषि सेक्टर की वृद्धि दर उज्जवल रही है, जो वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 4 प्रतिशत रही है. यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में दी गई.

बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की रिपोर्ट में बताया गया कि निजी अंतिम उपभोग व्यय (पीएफसीई) वृद्धि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 6 प्रतिशत रही है, जो वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में 2.6 प्रतिशत थी.

रिपोर्ट में बताया गया कि ग्रामीण मोर्चे पर कृषि सेक्टर एक ब्राइट स्पॉट रहा है. जुलाई-सितंबर अवधि में इस सेक्टर की वृद्धि दर 4 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 1.7 प्रतिशत थी.

रिपोर्ट में कहा गया कि मिट्टी की अच्छी स्थिति और बेहतर जलाशय स्तर के कारण अब तक रबी की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में अधिक हुई है.

चालू सीजन में रबी फसल की बुवाई का रकबा 411.8 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 428.28 हेक्टेयर (2 दिसंबर तक) हो गया है. बुवाई के रकबे में वृद्धि अच्छा संकेत है, क्योंकि इससे खाद्य उत्पादन में वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

केंद्रीय बैंक ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 50 आधार अंक की कटौती की है, जिससे बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बढ़ेगी.

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया है, “हम फरवरी 2025 से ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.”

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर घटकर 5.4 प्रतिशत रह गई. हालांकि, सरकारी खर्च में तेजी के कारण वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में इसमें उछाल आने की उम्मीद है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “ग्रामीण खर्च और चालू शादी के मौसम से समर्थन मिलने से उपभोग खर्च में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.”

एबीएस/