जीएसटी में स्लैब की संख्या में कटौती से कर अनुपालन आसान होगा, दरों में कमी से उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा : इंडस्ट्री लीडर्स

New Delhi, 5 सितंबर . वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों में टैक्स स्लैब की संख्या कम होने से कर अनुपालन आसान हो जाएगा और साथ ही दरों में कटौती से उपभोक्ताओं को सीधा फायदा होगा. यह जानकारी इंडस्ट्री लीडर्स की ओर से Friday को दी गई.

झारखंड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स में ज्वाइंट सेक्रेटरी नवजोत अलंग रूबल ने कहा कि सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी रिफॉर्म में स्लैब की संख्या को चार से घटाकर दो कर दिया गया है. यह काफी सकारात्मक कदम है. इससे मध्यम वर्ग और सामान्य वर्ग को काफी फायदा होगा. दैनिक उपयोग की चीजों पर टैक्स घटने से आम उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम होगी.

उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी रिफॉर्म में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है. सरकार ने कृषि क्षेत्र में ट्रैक्टर के टायरों पर जीएसटी को 18 परसेंट के घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, पेंसिल और रबड़ और बुक्स एवं कॉपी पर टैक्स जीरो कर दिया गया है. इससे भारत की युवा पीढ़ी को पढ़ाई में काफी आसानी होगी. वहीं, बहुत सारे मेडिकल उपकरण पर टैक्स घटाया गया है. वहीं, मेडिकल इंश्योरेंस पर टैक्स शून्य कर दिया गया है. जीवन रक्षक सहित कई दवाइयों पर जैसे कैंसर, मधुमेह की दवाओं पर भी टैक्स शून्य हो गया है.

बहादुरगढ़ चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंड्रस्टीज के अध्यक्ष सुभाष जग्गा ने कहा कि यह उपभोक्ता के लिहाज से सकारात्मक फैसला है. इससे कीमतों में कमी आएगी. फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है. नवरात्रों के समय इसे लागू करना काफी अच्छी खबर है इससे डिमांड को बूस्ट मिलेगा.

रांची के दवा व्यापारी अमित किशोर अग्रवाल ने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार ने कई लाइफ सेविंग ड्रग्स पर टैक्स को घटाकर शून्य कर दिया गया है. कुछ दावाओं में टैक्स को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं, कुछ मेडिकल डिवाइस पर टैक्स को शून्य और कुछ पर 5 प्रतिशत किया गया है.

एनएमआईएमएस Mumbai के सरला अनिल मोदी स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स सहायक प्रोफेसर डॉ. ईशा खन्ना ने कहा कि हाल के जीएसटी सुधार एक महत्वपूर्ण कदम हैं. इसमें कर स्लैब की संख्या चार से घटाकर दो कर दी गई हैं. इससे अनुपालन काफी आसान हो जाएगा. यह बदलाव दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों को कम करके जनता को फायदा पहुंचाएगा, जिससे शहरी मांग को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा कि कम ब्याज दरों जैसे पहले के प्रयासों के बावजूद, लोन में वृद्धि अपेक्षित स्तर पर नहीं है और वैश्विक अनिश्चितताओं और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों के कारण निजी निवेश धीमा बना हुआ है. ऐसे समय में जीएसटी सुधार घरेलू मांग क्षमता का दोहन करने में मदद करेंगे, जो दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है. इसके अतिरिक्त, पुस्तकों और स्टेशनरी जैसी शिक्षा से संबंधित वस्तुओं पर कर कम करने से परिवारों पर वित्तीय बोझ कम होगा.

खन्ना ने कहा कि कुल मिलाकर ये सुधार समयोचित, व्यापक और सतत आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं.

एबीएस/