किश्तवाड़, 15 दिसंबर . जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में 2015 में शुरू किया गया फॉरेस्ट ट्रेनिंग सेंटर का काम अभी भी अधूरा है. इस पर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई है. साथ ही जिले की खराब सड़कों, रोजगार की कमी और अन्य समस्याओं को लेकर भी आम लोग सरकार और स्थानीय प्रशासन से खिन्न हैं.
स्थानीय निवासी अनिल कुमार शान ने से बात करते हुए कहा, “किश्तवाड़ को नेताओं का गढ़ कहा जाता है. यहां 2014 के बाद जो भी निर्माण किया गया है, वह सब आधा अधूरा है. इलाके की सड़कें आधी-अधूरी हैं. यहां 2014 में ‘फॉरेस्ट ट्रेनिंग सेंटर’ के निर्माण का शुभारंभ किया गया. वह भी अधूरा है. शान ने बताया कि हमें फोन कॉल और मैसेज के जरिए लोगों ने बताया कि यहां आम लोगों के लिए रोजगार सृजन प्रोग्राम तो बनाए गए, लेकिन उनको आधा-अधूरा रखा गया. मुझे बड़े अफसोस से कहना पड़ रहा है कि डिपार्टमेंट के बड़े अधिकारी अभी तक साइट विजिट नहीं कर पाए हैं. तमाम अधिकारी यहां तक नहीं पहुंच पाए हैं. आप सड़कों को देखिए, वह भी खस्ताहाल है.”
उन्होंने कहा, ” मैं जिले के अधिकारियों और जो नई सरकार के प्रतिनिधियों से अपील करता हूं कि ट्रेनिंग सेंटर और अन्य आधे-अधूरे विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराएं. यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएं.”
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पीएसएम/