पानीपत, 25 जून . आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर हरियाणा के पानीपत में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जिला स्तरीय प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान पूर्व मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने कहा कि आपातकाल में संविधान की हत्या की गई और मौलिक अधिकारों का हनन किया गया.
पूर्व मंत्री कंवर पाल गुज्जर ने कहा, “ऐसी कोई स्थिति नहीं थी जिसके लिए आपातकाल लगाना जरूरी हो, यह केवल स्वार्थ के लिए लगाया गया था.” आपातकाल में भारतीय संविधान की हत्या ही नहीं की गई बल्कि लोगों के मौलिक अधिकारों का भी हनन किया गया.
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने कहा कि आज का दिन देशवासियों को याद दिलाता है कि आपातकाल के दौरान किस प्रकार संविधान की हत्या की गई. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव निरस्त कर दिया और इंदिरा गांधी को छह साल के लिए किसी भी पद पर नहीं रह सकने का फैसला सुनाया. इस फैसले से बचने के लिए उन्होंने आपातकाल लागू कर दिया.
इस दौरान नागरिकों को आपातकाल में पीड़ा झेलनी पड़ी. देश के इस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में युगों तक याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 की अर्धरात्रि को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने आपातकाल लागू किया था और विपक्षी नेताओं को जेल में डालने का काम किया गया. जनसंघ के नेताओं को जेल में डालकर अनेक यातनाएं दी गई. हरियाणा प्रदेश के भी कई नेताओं ने आपातकाल की पीड़ाएं झेली हैं.
वहीं, कांग्रेस द्वारा भाजपा पर संविधान को खत्म करने के आरोप लगाने पर पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर संविधान को खत्म करने का काम किसी ने किया तो वह कांग्रेस पार्टी ने किया. भाजपा ने हमेशा से ही संविधान की रक्षा की और संविधान के अनुरूप ही काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश विकास कर रहा है.
–
एएसएच/एकेजे