रांची, 25 अगस्त . Jharkhand Government की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दावा किया है कि यूपीए Government के दौरान संविधान संशोधन जनता के हित में होते थे, जबकि वर्तमान में विधेयक Political दलों के निजी हितों को साधने के लिए लाया गया है. यह विधेयक, जो गंभीर आपराधिक मामलों में 30 दिनों से अधिक हिरासत में रहने वाले Prime Minister, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने का प्रावधान करता है, लोकतंत्र विरोधी और सत्ता के दुरुपयोग का हथियार माना जा रहा है.
Jharkhand के सीएम हेमंत सोरेन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि जनता ने हेमंत सोरेन को चुना. उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को बिना किसी कारण के जेल में डाला जा रहा है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री के सुझाव पर सवाल उठाया कि अगर कोई जनप्रतिनिधि किसी मामले में आरोपित हैं तो उसे 30 दिन के भीतर पद छोड़ देना चाहिए.
उन्होंने तर्क दिया कि हेमंत सोरेन को जनता ने चुना है और यह फैसला करने का अधिकार जनता का है, न कि केंद्रीय गृह मंत्री या केंद्र Government का.
उन्होंने कहा, “आप कौन होते हैं, यह फैसला करने वाले? जनता ने उन्हें चुनकर भेजा है.”
तिर्की ने आरोप लगाया कि केंद्र Government अपनी सुविधा के अनुसार संविधान में संशोधन कर रही है, जो देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है. पहले यूपीए Government के दौरान संशोधन जनता के हित में होते थे, लेकिन अब एनडीए Government अपने Political हित में संशोधन कर रही है. उन्होंने इसे तानाशाही करार देते हुए कहा कि Jharkhand मुक्ति मोर्चा और अन्य सहयोगी दल बिल के खिलाफ Supreme court का रुख करेंगे.
वहीं, मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि इस विधेयक के जरिए भाजपा जनता का अपमान कर रही है और निर्वाचित राजनेताओं का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने इसे शर्मनाक और मजाक करार देते हुए कहा कि देश इस कदम से शर्मिंदा है.
अंसारी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर भाजपा इतनी ही साहसी है, तो उसे न्यायपालिका और कार्यपालिका को नियंत्रित करने वाला विधेयक लाना चाहिए. जनता वोट देकर नेताओं को चुनती है, और वे जनता के लिए काम करते हैं. लोग इस विधेयक को लेकर भाजपा पर हंस रहे हैं, और पार्टी को अपनी छवि सुधारने और संगठन को मजबूत करने की जरूरत है ताकि लोग उनकी खिल्ली न उड़ाएं.
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि Government चाहे जेल से चले या न चले, यदि यह विधेयक राजनीति से प्रेरित प्रतिशोध या निजी हितों की भावना से लाया जा रहा है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून का उपयोग पार्टी हितों के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए होना चाहिए. एनडीए के पास बहुमत होने के कारण वे इस विधेयक को संसद में पास करा सकते हैं, लेकिन इसका असली प्रभाव 2029 के Lok Sabha चुनाव में देखने को मिलेगा.
–
डीकेएम/एबीएम