संविधान दिवस: श्रीनगर पुलिस ने दोहराया न्याय, स्वतंत्रता व समानता का संकल्प

श्रीनगर, 26 नवंबर . श्रीनगर Police ने Wednesday को India के संविधान के 75 साल पूरे होने के मौके पर सभी इकाइयों में बड़े ही सम्मान और उत्साह के साथ संविधान दिवस मनाया. संविधान दिवस मनाने का मकसद सिर्फ औपचारिकता निभाना नहीं था, बल्कि उन मूल्यों को दोबारा याद करना था, जिन पर हमारा लोकतंत्र और Policeिंग दोनों टिकी हैं.

इसी के तहत जिला Police कार्यालय (डीपीओ) श्रीनगर में एक विशेष कार्यक्रम रखा गया, जहां आईजीपी कश्मीर वी. के. बिरदी ने अधिकारियों और जवानों के साथ मिलकर India के संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा. उनके साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनमें डीआईजी सीकेआर राजीव पांडे (आईपीएस), एसएसपी श्रीनगर डॉ. जी. वी. संदीप चक्रवर्ती (आईपीएस) और जिला Police श्रीनगर के अन्य अधिकारी शामिल थे.

कार्यक्रम का माहौल काफी गरिमामय रहा. सभी ने मिलकर संविधान में दर्ज उन मूल सिद्धांतों न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व को दोबारा याद किया, जो सिर्फ किताब में लिखे शब्द नहीं, बल्कि Police के हर फैसले और हर कार्रवाई की बुनियाद माने जाते हैं. अधिकारियों ने इस अवसर पर फिर से यह संकल्प लिया कि वे अपनी ड्यूटी निभाते समय संविधान के इन मूल्यों को हमेशा प्राथमिकता देंगे.

Police अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावना का पाठ सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक तरह का नैतिक संकल्प है. प्रस्तावना बताती है कि देश किस सोच और उद्देश्य के साथ बना है, चाहे वह सामाजिक न्याय हो, आर्थिक समानता हो या हर नागरिक की स्वतंत्रता की रक्षा. Police के लिए यह और भी जरूरी है, क्योंकि वे सीधे जनता के साथ काम करते हैं और उनकी सुरक्षा व हक की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है.

26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस दौरान संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव अंबेडकर और उन सभी लोगों को याद किया गया, जिन्होंने भारतीय संविधान की रचना में अहम भूमिका निभाई.

पीआईएम/वीसी