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अहिल्यानगर, 30 अगस्त . राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने आरक्षण मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि देशभर में आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने में केंद्र Government की भूमिका महत्वपूर्ण है. Government को संसद के जरिए संविधान में संशोधन कर आरक्षण पर फैसला लेना चाहिए.
एनसीपी-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने एक कार्यक्रम में कहा, “आरक्षण के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उचित समय पर संविधान में संशोधन करके सुलझाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर समाज में दरार पैदा हो रही है, जिससे समाज में कटुता पैदा हो रही है.
तमिलनाडु में 72 प्रतिशत आरक्षण का उदाहरण देते हुए पवार ने कहा, “अगर आरक्षण के मुद्दों को सुलझाना है, तो राष्ट्रीय स्तर पर ही निर्णय लिए जाने चाहिए. केंद्र Government को इस पर फैसला लेना होगा. अगर तमिलनाडु में 72 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है, तो उचित समय पर संविधान में संशोधन करके आरक्षण के मुद्दे को सुलझाने के लिए संसद में निर्णय लिया जाना चाहिए.”
पवार ने कहा, “हम संसद के कुछ सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे हैं. पार्टी सांसद नीलेश लंके और कुछ अन्य सहयोगियों ने भी एक बैठक की. अगर हम देश और अन्य राज्यों को इस बारे में समझा दें, तो यह मुद्दा सिर्फ Maharashtra का नहीं रह जाएगा. हर राज्य में छोटे-छोटे लोग होते हैं. किसान समूह भी हैं. इसलिए, अगर हम संविधान में संशोधन का रुख अपनाएं, तो आरक्षण का मुद्दा हल हो सकता है.”
शरद पवार की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है, जब Maharashtra में मराठा आरक्षण को लेकर आंदोलन चल रहा है और अपने कार्यकर्ताओं के साथ मनोज जरांगे Friday से Mumbai के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे हैं. इससे पहले, जरांगे-पाटिल ने Maharashtra Government पर निशाना साधते हुए मराठा आरक्षण को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया.
जरांगे ने कहा, “Chief Minister के लिए ये जरूरी है कि वे हमारी सभी मांगें पूरी करें. Saturday को भूख हड़ताल का दूसरा दिन है और हम Government से अनुरोध करते हैं कि मराठा समुदाय की मांगें पूरी करें. हमें सम्मान दें, अपमान न करें.”
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डीसीएच/