संविधान संशोधन विधेयक असंवैधानिक, राजनीतिक भ्रष्टाचार को देगा बढ़ावा: प्रियंका कक्कड़

New Delhi, 24 अगस्त . आम आदमी पार्टी (आप) ने संविधान संशोधन विधेयक और भारत की विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने संविधान संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में शामिल होने से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और समाजवादी पार्टी (सपा) के इनकार का समर्थन करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया.

उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी ने भी जेपीसी में शामिल होने से इनकार कर दिया है, क्योंकि यह विधेयक पूरी तरह असंवैधानिक है. इसका एकमात्र उद्देश्य विधायकों की खरीद-फरोख्त को कानूनी मान्यता देना है, जिसे कोई भी समर्थन नहीं करता.”

प्रियंका कक्कड़ ने इस विधेयक को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि यह विधायकों की निष्ठा को कमजोर करता है और राजनीतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है.

उन्होंने केंद्र सरकार से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की, ताकि संसद का समय और संसाधन बर्बाद न हों.

आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने खुद को इस बिल में छूट देने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, “आज भाजपा के सभी मंत्रियों को जेल से राहत मिल गई है. पीएमएलए एक्ट के तहत 30 दिन के अंदर जमानत नहीं मिल सकती. पिछले 11 सालों में किसी भी सत्तारूढ़ मंत्री पर कोई कार्रवाई या First Information Report नहीं हुई. अगर संविधान संशोधन बिल को लाने के पीछे उनकी मंशा सही है तो उन्हें इसमें एक प्रावधान जोड़ना चाहिए कि अगर यह घोषित किया जाता है कि मामला फर्जी था, तो मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाले अधिकारी और शिकायतकर्ता को वही सजा दी जाएगी जो निर्दोष को मिलती है.”

दूसरी ओर, विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर प्रियंका कक्कड़ ने पलटवार करते हुए कहा, “मेरा मानना ​​है कि जिस रूसी तेल पर अभी बात हो रही है, उसे प्रधानमंत्री मोदी के पूंजीवादी सहयोगियों ने ही खरीदा है, जिन्होंने उसे खुले बाजार में बेचकर मुनाफा कमाया. इस सस्ते रूसी तेल से आम भारतीय को कोई फायदा नहीं हुआ है. आज भारत की कूटनीति अपने सबसे निचले स्तर पर है. यहां तक कि भूटान और नेपाल जैसे देश, जो हमेशा भारत के साथ खड़े रहे हैं, अब ऐसा करते नहीं दिखते.”

एकेएस/डीकेपी