मेलबर्न, 26 दिसंबर . मेलबर्न में भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पदार्पण करने वाले युवा बल्लेबाज सैम कोंस्टास ने गुरूवार को कहा कि उन्हें तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के साथ मुकाबला करने में मजा आया.
ऑस्ट्रेलिया की पारी में शानदार 60 रन बनाने वाले कोंस्टास ने दिखाया कि गेंद को खेलना महत्वपूर्ण है, न कि व्यक्ति को. बुमराह ने पहले तीन टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ों को परेशान किया था और कोंस्टास के आउट होने के बाद उन्होंने उस्मान ख़्वाजा, ट्रैविस हेड और मिशेल मार्श के विकेट लेकर भारत को मैच में वापस ला दिया.
बुमराह ने कोंस्टास को भी परेशान किया. उन्हें शुरुआती ओवर में चार बार और पहले तीन ओवर में सात बार बीट किया, जिसमें दो असफल रिवर्स स्कूप भी शामिल थे. लेकिन कोंस्टास बिल्कुल भी परेशान नहीं थे.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैं विकेट के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहा था, पहली बार उसका सामना कर रहा था, उसके एक्शन के साथ तालमेल बिठा रहा था. ज़ाहिर है, उसने कई बार मेरे बल्ले को छुआ, और मैं भाग्यशाली रहा कि मैं आउट नहीं हुआ. लेकिन यह एक शानदार मुक़ाबला था.”
“जाहिर है, वह खेल के दिग्गज हैं, इसलिए मैं उन पर थोड़ा दबाव बनाने की कोशिश कर रहा था, और आज इसका फ़ायदा मिला. लेकिन उन्होंने तीन विकेट लिए और उन्होंने मैच की गति बदल दी. लेकिन मुझे लगता है कि मैं हमेशा खुद को चुनौती देता रहता हूं, खुद से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करता हूं, इसलिए बस उनके साथ मुक़ाबला करना और उनकी लाइन को दूर करने की कोशिश करना मेरा मकसद था.”
उन्होंने बुमराह की लाइन को उनसे दूर कर दिया. उन्होंने ऐसा कुछ किया जो बुमराह के टेस्ट करियर में किसी ने नहीं किया था. बुमराह ने पहली बार एक ओवर में 18 रन दिए. उन्होंने पहली बार छह ओवर के स्पैल में 38 रन दिए. लगभग चार साल में पहली बार उन्हें छक्का लगा और सिर्फ़ दूसरी बार किसी ने उन पर दो छक्के लगाए.
बुमराह पर रिवर्स स्कूप से छक्का मारने के बारे में पूछे जाने पर कोंस्टास ने कहा,”19 साल के ज़्यादातर युवा इस बात से वाकिफ़ नहीं होते कि वे कितने नासमझ हैं. लेकिन उन्हें लगता है कि वे नासमझ हैं.” उन्होंने मेलबर्न में अपनी शानदार डेब्यू पारी में बुमराह की गेंद को दो बार रिवर्स स्कूप से बाउंड्री पर पहुंचाया और एक बार लैप स्कूप से गेंद को बाहर भेजा, जबकि पहले तीन ओवर में वे दो बार रिवर्स स्कूप से लगभग आउट हो गए होते.
कोंस्टास को इस बात का कोई डर नहीं था कि अगर वह शॉट मारते तो क्या कहा जाता, उन्होंने ग़लती के परिणामों के बजाय स्कोरिंग की संभावना पर ध्यान केंद्रित किया.
कोंस्टास ने कहा, “मुझे लगता है कि अगर मैं आउट हो गया तो यह शायद मूर्खतापूर्ण लगेगा, लेकिन मैंने उस शॉट पर बहुत मेहनत की है और मुझे लगता है कि यह शायद मेरे लिए वास्तव में एक सुरक्षित शॉट है. लेकिन मुझे लगता है कि युवा होने और शायद थोड़ा भोला होने की यही खू़बसूरती है. मैं बस गेंदबाज़ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा हूं, जो मुझे लगता है कि सबसे अच्छा तरीक़ा है और आज कुछ रन बनाना अच्छा था.”
कोंस्टास ने बताया कि उनका रिवर्स स्कूप पूर्वनियोजित था और इसे क्षेत्ररक्षण बदलवाने के लिए तैयार किया गया, जिससे भारत उनको खेलने का मौक़ा दे. उन्होंने कहा, “हां, निश्चित रूप से पूर्व नियोजित था, ख़ासतौर से गति का प्रयोग करने के लिए. मैं बस अपना सिर स्थिर रखने की कोशिश कर रहा था और बस इसे अपने बल्ले पर जोर से आने देने की कोशिश कर रहा था. लेकिन हां, आज कुछ शॉट दूर गए और क्षेत्ररक्षण बदला जो अच्छा था. और फिर मैं उन्हें मेरे ज़ोन में गेंदबाज़ी करने के लिए प्रेरित कर रहा था.”
कोंस्टास को ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने बैगी ग्रीन भेंट की. उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि वे अपने दौर में ऐसा कर पाएंगे लेकिन कोंस्टास इस बात के लिए आभारी हैं कि वे ऐसी पीढ़ी में खेल रहे हैं जहां उन्हें खुद को अभिव्यक्त करने की अनुमति है.
कोंस्टास ने कहा, “हां, निश्चित रूप से मुझे लगता है कि शायद 20-30 साल पहले लोग कह रहे थे, बहुत ज़्यादा बचाव करो, बस पूरे दिन बल्लेबाज़ी करो. लेकिन मुझे लगता है कि नई पीढ़ी, नए शॉट, यह मेरे लिए रोमांचक है. जाहिर है, मुझे गेंदबाज़ पर दबाव डालना पसंद है और उम्मीद है कि यह अगली पारी में भी काम आएगा.”
भारत ने भी उन्हें डराने की कोशिश की और इसकी भारी क़ीमत चुकाई. मोहम्मद सिराज ने उन्हें स्लैज़ किया और अगली गेंद पर बाउंड्री खाई.
विराट कोहली ने जानबूझकर उन्हें टक्कर मारी, जिससे बहस छिड़ गई. कोंस्टास को लगा कि टक्कर दुर्घटनावश हुई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की तरफ़ से इस तरह की हरकतें पसंद आईं.
कोंस्टास ने कहा, ” मैं बस अपने दस्ताने पहन रहा था और मुझे लगता है कि उसने ग़लती से मुझे टक्कर मार दी. “लेकिन मुझे लगता है कि यह सिर्फ़ क्रिकेट और तनाव है.”
“मैं बस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने की कोशिश कर रहा था और मैं जिस किसी का भी सामना कर रहा था, बस अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहा था. जाहिर है, कई बार माहौल गर्म हो गया, जो मेरे लिए अच्छा था. बस मुझे लगता है कि इससे मेरा सर्वश्रेष्ठ सामने आता है.”
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