जैसलमेर. जैसलमेर मे इन दिनों निरंतर तापमान मे उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है, जिसका प्रभाव फसलों पर भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में यहां किसानों को उत्पादन में कमी होने की संभावना है.
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दीपक चतुर्वेदी के अनुसार फरवरी के माह में अचानक से तापमान में बढ़ोतरी से रबी के फसलों जैसे गेहंू, जीरा एवं इसबगोल के उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि इस समय गेहूं में दाना बनने की अवस्था चल रही होती है, जिसके के लिए अनुकूलतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस होता है. इससे अधिक तापमान होने पर गेहंू का दाना छोटा बनता है एवं बढ़ते तापमान की वजह से फसलों के समय से पहले परिपक्व होने पर उनमे उत्पादन एवं उनमे पाए जाने वाले पोषक तत्वों में कमी आ सकती है.
तापमान को देखते हुए किसान गेहंू की फसल में निम्न उपाय अपना कर फसलों पर तापमान के प्रभाव को कुछ हद तक कम कर सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो किसान का तापमान में बढ़ोतरी होने पर हल्की सिंचाई करें और तेज हवा चल रही है तो सिंचाई रोक दे, अन्यथा फसल गिर सकती. ऐसे में नुकसान होने की संभावना बनी रहती है.