पटना, 28 अप्रैल . बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के महागठबंधन की सरकार बनने पर ताड़ी को शराबबंदी कानून से बाहर करने के बयान को लेकर जदयू ने सोमवार को पलटवार किया. उन्होंने इसे पासी समाज को बहकाने की साजिश बताया.
जदयू ने एक बयान जारी कर कहा कि राजद और इसके नेता तेजस्वी यादव बिहार, विशेषकर पासी समाज, के साथ एक बार फिर विश्वासघात कर रहे हैं. तेजस्वी यादव द्वारा ताड़ी को शराबबंदी से बाहर करने का दिखावा सिर्फ पासी समाज को बहकाने की एक साजिश है.
पार्टी ने राजद नेता से सवाल किया कि जब उनके परिवार के पास बिहार की सत्ता थी तब जहरीली शराब ने सैकड़ों पासी परिवारों को उजाड़ा था, तब उनके माता-पिता (दोनों पूर्व मुख्यमंत्री) कहां थे? यह ताड़ी प्रेम समाज के लिए है या फिर चुनावी वोटों की घटिया राजनीति?
जदयू के प्रवक्ता अंजुम आरा और हिमराज राम ने कहा कि एक संयुक्त बयान जारी कर पासी समाज के सशक्तीकरण और उत्थान के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्यों का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत 32,938 ताड़ी व्यवसायी परिवारों में से 30,823 परिवारों को वैकल्पिक आजीविका प्रदान की गई. नीरा उत्पादन कार्यक्रम के माध्यम से पासी समाज के लोगों को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराया गया.”
जदयू ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव और राजद की नीतियों का काला सच है कि शराब कंपनियों से 46.64 करोड़ रुपए का चंदा वसूल किया गया. शराबबंदी से यदि कोई समाज सबसे अधिक सशक्त हुआ है, तो वह गरीब और कमजोर वर्ग है, विशेषकर महिलाएं हैं.
बयान में कहा गया है कि शराबबंदी ने गरीब परिवारों, विशेषकर महिलाओं को सम्मानपूर्ण जीवन दिया. पासी समाज को आत्मनिर्भरता और सम्मान की राह दिखाई गई, जो तेजस्वी यादव के वादों से परे एक जीवंत सच्चाई है. हम अपराध और भ्रष्टाचार मुक्त बिहार के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, न कि जंगलराज की वापसी के षड्यंत्र में.
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को घोषणा की थी कि महागठबंधन की सरकार बनी तो ताड़ी को शराबबंदी कानून से बाहर किया जाएगा तथा ताड़ी व्यवसाय के ऊपर चल रहे मुकदमों को वापस लिया जाएगा. माना जा रहा है कि चुनावी साल में इस घोषणा से तेजस्वी यादव पासी समाज को साधने में जुटे हैं.
–
एमएनपी/एकेजे