राहुल गांधी हिंदुओं को जाति के आधार पर बांटने की रच रहे साजिश : श्रीराज नायर

Mumbai , 26 जुलाई . विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी के छह दशक तक सत्ता में रही कांग्रेस अब सत्ता से बाहर होकर बौखला गई है.

उन्होंने से बात करते हुए कहा कि चुनाव दर चुनाव हारने के बाद मुस्लिम तुष्टिकरण और तमाम राजनीतिक पैंतरों के बावजूद कांग्रेस जनता का भरोसा नहीं जीत पाई. अब राहुल गांधी हिंदुओं को जाति के आधार पर बांटने की साजिश कर रहे हैं. लेकिन भारत का हिंदू समाज अब एकजुट है, चाहे जाति, भाषा या क्षेत्र कुछ भी हो. इसी एकता का परिणाम है राम मंदिर निर्माण और अनुच्छेद 370 का समाप्त होना, जिससे हिंदुओं का सम्मान बढ़ा है.

श्रीराज नायर ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद का स्पष्ट मत है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा. यहां रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज हिंदू थे, चाहे वे आज किसी भी धर्म के हों. अगर मुसलमान भी अपने पूर्वजों का सम्मान करें, तो कई समस्याएं खुद समाप्त हो जाएंगी. भारत का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार हिंदू मूल्यों पर आधारित है. भारत की पहचान, संस्कृति और नेतृत्व हिंदू मूल्यों से ही सुरक्षित रह सकता है.

श्रीराज नायर ने ऑपरेशन सिंदूर पर भारतीय सेना की सफलता को लेकर खुशी जाहिर की. साथ ही कहा कि विपक्ष इस ऑपरेशन की सफलता पर भी सवाल उठा रहा है. उन्होंने कहा कि यह भारत के सैन्य बलों का पराक्रम है, जिससे पूरा देश गर्वित है. भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने जिस साहस से पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाकर जवाब दिया, वह सराहनीय है. पहलगाम हमले के बाद यह कार्रवाई देश के लिए गर्व की बात है. लेकिन विपक्ष हमेशा की तरह अब भी सवाल उठाकर सेना का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार की ओर से प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और गृहमंत्री विपक्ष को करारा जवाब देंगे और सच्चाई सामने लाएंगे.

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश को गर्व और खुशी हुई है, क्योंकि हमारी सेना ने पाकिस्तान की धरती और पीओके में घुसकर आतंकियों के कई ठिकानों को तबाह किया और उसे करारा जवाब दिया. विपक्ष हमेशा हमारे सैन्य बलों पर सवाल उठाता है और नकारात्मक टिप्पणियां करता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. विपक्ष को इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए और देश हित के मुद्दों पर एक होना चाहिए.

एकेएस/एएस