लखनऊ, 24 फरवरी . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने की अपनी योजनाओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश के हर जिले और तहसील को फोरलेन से जोड़ने का निश्चय किया है. वहीं, ब्लॉक मुख्यालय को टूलेन से जोड़ने का काम किया जा रहा है. इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को फोरलेन के साथ जोड़ने का काम अंतिम चरण में है.
सीएम योगी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में दो एयरपोर्ट ही कंप्लीट फंक्शनल थे, जबकि गोरखपुर और आगरा आंशिक थे. आज प्रदेश में चार इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हो चुके हैं. सोलह डॉमेस्टिक एयरपोर्ट पूरी तरह से क्रियाशील हो चुके हैं, जबकि 6 अन्य एयरपोर्ट का कार्य चल रहा है. भारत के सबसे बड़े जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अप्रैल में शुरू कर दिया जाएगा. इसके अलावा सरकार ने नए लिंक एक्सप्रेसवे की घोषणा की है.
सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य को शिवपाल यादव के झुंझुने में नहीं आना चाहिए था. वह स्वयं ही बेचारे बने हुए हैं. कई बार गंगा एक्सप्रेसवे को हरिद्वार तक बढ़ाने की मांग की गई है. ऐसे में इसके लिए बजट में घोषणा की जा चुकी है. वहीं, गंगा एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसके अलावा गाजीपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को चंदौली होते हुए शक्ति नगर सोनभद्र तक जोड़ने का काम किया जाएगा. इसके लिए भी बजट आवंटित कर दिया गया है. इतना ही नहीं गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में चित्रकूट तक पहुंचेगा. सरकार ने प्रयागराज में दो नए पुल गंगा जी पर शास्त्री ब्रिज और यमुना जी पर नैनी ब्रिज के समानांतर नए पुल के लिए भी बजट में घोषणा की है. यह सभी कार्यक्रम प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ेंगे. इनलैंड बॉर्डर में अथॉरिटी का गठन हो चुका है. अभी तक वाराणसी तक यह सुविधा है, लेकिन अब हम इसको प्रयागराज और बलिया से अयोध्या तक ले जाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाने जा रहे हैं. इससे प्रदेश में एक्सपोर्ट की सुविधा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने इज ऑफ लिविंग के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं. सरकार फ्री आवास, शौचालय, पेंशन की सुविधा उपलब्ध करा रही है. ड्रोन सर्वे द्वारा स्वामित्व योजना के तहत एक करोड़ लोगों को जमीन का पट्टा उपलब्ध करवाया गया है. इसके अलावा सरकार द्वारा फैमिली आईडी का भी लाभ दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को पीएम किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त जारी की. इससे प्रदेश के किसानों के खाते में सीधे 5,583 करोड़ 55 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं. अब तक करीब 80 हजार करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसानों के खाते में केवल पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से आए हैं.
सीएम योगी ने कैग रिपोर्ट के आंकड़ों को पेश करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के शासन में वर्ष 2012 से लेकर 2016 तक स्कूलों में 7 लाख स्टूडेंट्स की संख्या में गिरावट आई. वहीं, 2012 से 16 के बीच में 6 लाख 22 हजार बच्चों को किताब ही उपलब्ध नहीं हुई, प्रदेश के 32.21 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे, जिन्हें स्कूल खुलने के बाद 5 महीने तक किताबें उपलब्ध नहीं करवाई गई. 2010 से 16 की अवधि में 18 करोड़ 35 लाख किताबों के सापेक्ष 5 करोड़ 91 लाख किताबें ही अगस्त में उपलब्ध कराई गई. उस दौरान दो यूनिफॉर्म बांटनी थी, लेकिन एक ही बांटी गई. बच्चे टाट पट्टी के स्कूल में पढ़ने के लिए मजबूर थे.
उन्होंने कहा कि जिनके बच्चे इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या अन्य यूरोपियन कंट्री में पढ़ते हैं, वह गरीब की पीड़ा को कैसे समझेंगे. यह चाहते ही नहीं थे कि यह सब गरीब के बच्चों को मिले. वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद जब प्रदेश के कई जनपद में गया तो देखा था कि बच्चे स्कूल जाते थे, लेकिन उनके पास यूनिफॉर्म नहीं थी. ज्यादातर बच्चे नंगे पैर स्कूल जाते थे. उनके पास फटा बैग होता था. वह शीतलहरी के बावजूद हाफ शर्ट में स्कूल जा रहे थे. सरकार ने ऑपरेशन कायाकल्प में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की पूरी तरह काया बदल दी. आज स्कूलों में अच्छी फ्लोरिंग, बालक-बालिकाओं के लिए टॉयलेट, पेयजल की सुविधा, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी, फर्नीचर आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही बच्चों को दो यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते, बैग आदि उपलब्ध कराए गए हैं. यह सुविधा एक करोड़ 91 लाख बच्चों को दी जा रही है. हर वर्ष डीबीटी के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजी जा रही है. इसके अलावा प्रदेश में पीएम श्री योजना के तहत 1,565 विद्यालय में आधुनिक सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं, 6,481 विद्यालयों के पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है.
सीएम योगी ने बताया कि गरीब कमजोर बालिकाओं के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को आठवीं से 12वीं तक करने की कार्रवाई की गई है. अटल आवासीय विद्यालय के साथ एक इंटीग्रेटेड कैंपस के लिए प्रयास किया जा रहा है. प्री-प्राइमरी से लेकर के 12वीं तक एक कैंपस और बच्चों को अच्छे शिक्षक मिलें, इसके लिए 57 कंपोजिट विद्यालय के लिए धनराशि बजट में उपलब्ध कराई गई है. इसे पहले चरण में जनपद, दूसरे चरण में तहसील, तीसरे चरण में ब्लॉक और चौथे चरण में न्याय पंचायत स्तर पर ले जाने का प्रयास है. यह एजुकेशन का एक मॉडल होगा. प्रदेश में 27,000 विद्यालय बंद नहीं किए जा रहे, बल्कि छात्र और शिक्षकों को रेश्यो संतुलित किया जा रहा है. वनटांगिया गांवों में 22 प्राथमिक विद्यालय और 11 उच्च प्राथमिक विद्यालय का निर्माण किया गया है. एनसीसी अकादमी और सैनिक स्कूल के निर्माण का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है.
सीएम योगी ने कहा कि पहली बार सरकार ने पूर्वा से लेकर आचार्य क्लास तक के संस्कृत के बच्चों को स्कॉलरशिप देने की घोषणा की है. इसे गत वर्ष लागू किया गया था. इसके अलावा संस्कृत शिक्षा के विकास के लिए सरकार अपने स्तर पर प्रयास कर रही है. नए विश्वविद्यालय, जिन कमिश्नरी में विद्यालय नहीं थे, वहां पर विश्वविद्यालय का निर्माण किया जा रहा है. सरकार ने मां शाकम्भरी के नाम पर सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़, महाराजा सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़, मां विंध्यवासिनी के नाम पर मीरजापुर, मां पाटेश्वरी के नाम पर देवीपाटन मंदिर और मुरादाबाद मंडल में गुरु जंभेश्वर के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है. इनमें से तीन विश्वविद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं और तीन विश्वविद्यालय नए सत्र में प्रारंभ हो जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि कुशीनगर में भी महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य आगे बढ़ चुका है. जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है. इसे सरकार संचालित कर रही है. इसके अलावा अच्छे मॉडर्न एज कोर्सेज में बच्चे प्रशिक्षित हो सकें, इसके लिए डेढ़ सौ आईटीआई को नई टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने का काम किया गया है. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 3 डी प्रिंटिंग, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक टेक्नोलॉजी के कोर्स शामिल हैं. वहीं, 62 नए आईटीआई का निर्माण किया जा रहा है. इसे हब और स्कोप मॉडल पर आगे बढ़ाने का कार्य किया जाएगा. वहीं, दो करोड़ नौजवानों को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जाने हैं. इनमें से करीब पचास लाख युवाओं को स्मार्टफोन और टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं.
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एसके/एबीएम