कांग्रेस का नाम भी अंग्रेजों का दिया हुआ : सीएम मोहन यादव

सागर, 25 सितंबर . Madhya Pradesh में जनसंघ के संस्थापक एवं एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर Thursday को विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए. सागर में आयोजित कार्यक्रम में Chief Minister मोहन यादव ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि यह ऐसा दल है जिसका नाम भी अंग्रेजों का दिया हुआ है.

सागर के महाकवि पद्माकर सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कोई किसी भी पद पर रहे, सभी के मन में हमेशा कार्यकर्ता का भाव होना चाहिए. पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद में सनातन संस्कृति और जीवन शैली का निचोड़ है, इसे हम सभी कार्यकर्ताओं के साथ आम जनता को भी अपनाना चाहिए. कांग्रेस पार्टी के पास तो अपना नाम भी नहीं है. कांग्रेस नाम आजादी के पहले अंग्रेजों द्वारा बनाई गई संस्था को दिया गया था. कांग्रेस पार्टी आज भी उधार के नाम पर चल रही है. कांग्रेस अंग्रेजों के दिए गए नाम में भारतीय राष्ट्रीय जोड़कर काम चला रही है.

उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आत्मसात कर आत्मनिर्भर India बनाने के लिए कार्य करें. एकात्म मानववाद को अपनाकर ही लोगों के जीवन के कष्टों को समाप्त किया जा सकता है. उन्होंने उसी तरह से लोगों के जीवन को कष्ट से निकालने के लिए एकात्म मानववाद का सिद्धांत दिया है, जिस प्रकार से भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में कष्ट सहकर लोगों का उद्धार किया है. सनातन काल से हमारा जो मूल दर्शन है, उसे समझने के लिए एकात्म मानववाद राह दिखाता है. कांग्रेस पार्टी के बाद देश में कम्युनिस्ट विचारधारा थी, जिसमें जीवन के बस तीन निशान, रोटी, कपड़ा और मकान थे. उसके आगे कम्युनिस्ट पार्टी की कोई सोच नहीं थी.

Chief Minister ने आगे कहा कि एकात्म मानववाद जीवन को सरल और सार्थक बनाता है. हर संबंध की आयु निश्चित है. लोगों की आयु भी निश्चित है, जिसे कोई बदल नहीं सकता. एक निश्चित समय बाद बेटे और बेटियां साथ छोड़कर अलग हो जाते हैं, लेकिन पति-पत्नी तब तक साथ रहते हैं, जब तक कोई एक दुनिया को छोड़कर न चला जाए, जबकि दुनिया के कई देशों में ऐसा नहीं है. हमारे देश में यह इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमारी सनातन संस्कृति जीवन शैली के संबंध में सबसे अलग है. India में ऐसी व्यवस्था है कि हर वस्तु एक-दूसरे से जुड़ी हुई है. सभी का एक-दूसरे से संबंध है, जिससे पूरी जीवन पद्धति चलती है.

एसएनपी/डीकेपी