कांग्रेस की मानसिकता दलित विरोधी : डॉ. बनवारी लाल

पलवल, 22 सितंबर . पूर्व केंद्रीय एवं सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने रविवार को कांग्रेस को दोहरी मानसिकता वाली पार्टी बताया.

उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रचार किया था कि भाजपा सत्ता में आने के बाद संविधान में बदलाव कर आरक्षण खत्म करेगी, लेकिन अब राहुल गांधी विदेश में कहते हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई, तो आरक्षण खत्म करेगी. राहुल गांधी के इन बयानों से आप साफ पता लगा सकते हैं कि वह किस तरह से दोहरा पैमाना अपना कर देश की जनता को भ्रमित कर रहे हैं. भाजपा किसी भी कीमत पर इसे स्वीकार नहीं कर सकती है. भाजपा हमेशा से ही संविधान को बचाने का काम करती आई है और आगे भी करती रहेगी.”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी दलित विरोधी मानसिकता रखती है. इस पार्टी को दलितों के हितों से कोई सरोकार नहीं है. कांग्रेस के कार्यकाल में दलितों से जुड़े कई मामले प्रकाश में आए, इससे साफ जाहिर हुआ कि कांग्रेस एक दलित विरोधी पार्टी है. आप खुद ही देख लीजिए कि पिछले 10 सालों से राज्य में भाजपा की सरकार है, लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूं कि आपको कोई भी ऐसा मामला नहीं दिखेगा, जहां दलितों के साथ अत्याचार हुए हों, क्योंकि हमारी सरकार हमेशा से ही समग्र विकास की अवधारणा के तहत काम करती आई है. हमारा अंतिम लक्ष्य समग्र समाज का विकास रहा है. मैं कुल मिलाकर यही कहना चाहूंगा कि भाजपा दलितों का सम्मान करने वाली पार्टी है. हमारी पार्टी दलितों के विकास के बारे में सोचती है. उनके हितों को अपनी प्राथमिकता की सूची में शुमार रखती है और आगे भी हम दलितों के विकास और समृद्धि के लिए काम करते रहेंगे.”

उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग अक्सर बाबा साहब अंबेडकर की बात करते हैं. मैं कहना चाहूंगा कि सभी दलों के नेता अपने दफ्तरों में तस्वीरें तो लगाते हैं, लेकिन उनका असल मायने में सम्मान कौन करता है, यह सोचने वाली बात है. आखिर कौन बाबा साहेब अंबेडकर के बताए सिद्धांतों पर चलता है. इस देश में अगर किसी पार्टी ने बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न दिलाने का काम किया है, तो वह भाजपा है और उनका अगर किसी पार्टी ने तिरस्कार किया है, तो वो कांग्रेस है.”

बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव को देखते हुए सूबे के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चुकी है. प्रदेश में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. दोनों ही दलों की ओर से तैयारियां जोरों पर हैं. प्रदेश में पांच अक्टूबर को विधानसभा चुनाव और आठ अक्टूबर को नतीजों की घोषणा होगी.

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