हरियाणा में कांग्रेस की हार हुड्डा नहीं, बल्कि अंदरूनी गुटबाजी के कारण हुई : रणवीर सिंह गंगवा

चंडीगढ़, 13 अक्टूबर . किसान नेता और संयुक्त संघर्ष पार्टी के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस को खत्म कर देंगे और अब यह सच साबित हो गया है. इसे खारिज करते हुए हरियाणा की बरवाला विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रणवीर सिंह गंगवा ने कहा है कि कांग्रेस की हार का कारण पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी थी.

गंगवा ने से बातचीत में कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और युवाओं को धोखा दिया. कांग्रेस पार्टी गुटों में बंटी हुई है और उसके नेता खुद ही एक-दूसरे को साधने का काम कर रहे हैं. हमने पिछले 10 साल में हरियाणा में जो काम किया, उसे लेकर हम जनता के बीच गए और जनता ने हमें आशीर्वाद दिया.

यह पूछे जाने पर कि हरियाणा में किसान कांग्रेस के पक्ष में थे फिर भी कांग्रेस सरकार बनाने में विफल रही, भाजपा विधायक ने कहा कि गुरनाम सिंह चढूनी खुद चुनाव लड़े थे. अगर किसान उनके साथ होते तो उन्हें ज्यादा वोट मिलते. उन्हें 1170 वोट मिले. सवाल यह नहीं है कि आज किसान वर्ग भाजपा के साथ है. भाजपा ने 24 फसलों पर किसानों को एमएसपी दी है. हरियाणा पहला राज्य है जो सभी फसलों पर एमएसपी दे रहा है. आज किसानों के लिए हर प्रकार की योजना हरियाणा में दी जा रही है. हरियाणा प्रथम स्थान पर है, जो भाजपा के पक्ष में है.

प्रियंका गांधी को कमान दिए जाने के सवाल पर विधायक ने कहा, “यह कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, इसमें हम कुछ नहीं कह सकते, कमान किसे दी जाए. किसी को भी दे दीजिए, लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि आज देश और विदेश की जनता भाजपा पर भरोसा करती है क्योंकि भाजपा जो कहती है वह करती है. चाहे 2014 का घोषणापत्र हो या 2024 का, हमने सारे काम किए हैं. हम अपने 2024 के संकल्प पत्र पर काम करते हुए जनता की उम्मीदों को पूरा करेंगे.”

कांग्रेस द्वारा ईवीएम पर उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए रणवीर सिंह गंगवा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास और कुछ नहीं बचा है. जब हरियाणा में उनकी पांच लोकसभा सीटें आईं तो उन्होंने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए. कांग्रेस अपनी आंतरिक गुटबाजी के कारण चुनाव में हारी है. जब वह सत्ता में थी तब उन्होंने ऐसा क्या ही किया जिससे उन्हें जनता वापस सरकार में लाती. उनके नेता बयान दे रहे थे कि जब वह सत्ता में आएगी तो नौकरियां उनके हिस्से में आएगी. युवा समझ गए कि फिर वे नौकरी बेचने का काम करेंगे.

मंत्रिमंडल में उनकी संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर भाजपा विधायक ने कहा, “मुझे इसकी कोई चिंता नहीं है. इस पर पार्टी हाईकमान फैसला लेगा, लेकिन मैं क्षेत्र की जनता से किए गए वादों को पूरा करने का काम करूंगा.”

उल्लेखनीय है कि चढूनी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि राजनीति में पैसे का खेल आम है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के अहंकार ने उसे नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा कि अगर प्रियंका गांधी पार्टी की कमान संभालें, तो कांग्रेस बच सकती है. वरना, भाजपा का राज यहां से नहीं जाएगा. कांग्रेस को अपने नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर कार्रवाई करनी चाहिए. यह सबसे जरूरी है.

आरके/एकेजे