कांग्रेस को अपनी पुरानी विचारधारा से बाहर निकलना होगा : मुख्तार अब्बास नकवी

New Delhi, 3 अक्टूबर . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने Friday को कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधा.

उन्होंने से बातचीत में कहा कि आज की तारीख में कांग्रेस की दुर्गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जो पार्टी पहले कभी पूरे देश में अपनी Political धमक के लिए जानी जाती थी. अफसोस आज वो महज अपने मोहल्ले तक सीमित होकर रह गई. कांग्रेस अपनी पुरानी विचारधारा से बाहर नहीं निकल पा रही है. कांग्रेस पहले ‘इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया’ की विचारधारा पर चला करती थी और आज यह पार्टी ‘कांग्रेस ही देश है’ और ‘देश ही कांग्रेस है’ जैसी विचारधारा पर चल रही है. यही कारण है कि आज की तारीख में कांग्रेस को देश की जनता ने सिरे से खारिज कर दिया है. आज पार्टी को देश की जनता पूछने के लिए भी तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को यह सोचना चाहिए कि आखिर वो कब तक भाजपा को कोसने का काम करेगी. यह अजीब विडंबना है कि कांग्रेस भाजपा को कोसती रही. लेकिन, आज भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है. देश की जनता के बीच भाजपा एक उम्मीद की किरण बनकर उभर रही है. आज देश की जनता का भरोसा अगर किसी पर है, तो वो भाजपा है. वहीं, कांग्रेस भाजपा को कोसते-कोसते कोसी नदी के किनारे आकर खड़ी हो चुकी है.

मुख्तार अब्बास नकवी ने शिवसेना (यूबीटी) पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मुझे शिवसेना (यूबीटी) की दुर्गति पर तरस आता है. वो भी क्या दौर था, जब यह पार्टी हिंदू और हिंदुत्व की बात करती थी. आज यह पार्टी महज Political लाभ के लिए छद्म धर्मनिरपेक्षता की बातें कर रही है. देश की जनता इस पार्टी को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने वाली नहीं है.

उन्होंने जेएनयू की घटना पर कहा कि यह दुख की बात है कि पहले जिस यूनिवर्सिटी से राष्ट्र निर्माता पैदा होते थे, आज उस यूनिवर्सिटी से देश को क्षति पहुंचाने वाले लोग पैदा हो रहे हैं. मुझे लगता है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने बरेली मामले पर कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ के नाम पर देश में अराजकता को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. जिस तरह से कुछ लोग आस्था के नाम पर उपद्रव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वो बिल्कुल भी ठीक नहीं है. अगर कोई ‘आई लव मोहम्मद’ कहता है या अगर कोई ‘आई लव महाकाल’ कहता है, वो कह सकता है. किसी को भी कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, इस बात का हमें विशेष ध्यान रखना होगा कि कोई भी व्यक्ति इसकी आड़ में उपद्रव करने पर आमादा नहीं हो जाए. अगर कोई ऐसा करता है, तो निश्चित तौर पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

एसएचके/एबीएम