नई दिल्ली, 19 मई . कांग्रेस ने एक बार फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर केंद्र सरकार और विदेश मंत्री से सवाल किया है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री जयशंकर ने खुद मीडिया एजेंसियों को बताया कि हमने हमला करने से पहले पाकिस्तान को सूचित कर दिया था.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “युद्ध सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं लड़े जाते, बल्कि राजनीति के रणनीतिकारों द्वारा भी लड़े जाते हैं. सेनाएं बहादुरी से सीमाओं पर अपना काम करती हैं, तो युद्ध में बहुत अहम भूमिका उन रणनीतिकारों की भी होती है, जो राजधानी में बैठे होते हैं. इन तमाम लोगों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है. जो सेना के पराक्रम को या तो बूस्ट कर सकती है या सेना के पराक्रम को नुकसान पहुंचा सकती है.”
उन्होंने कहा, “हमारे नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के बयान पर कुछ सवाल पूछे हैं. यह बहुत महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि पिछले एक हफ्ते में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-अलग देशों में एक बात दोहराते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाने में मध्यस्थता की. ट्रंप ने एक बहुत खौफनाक बात यह भी बोली कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया यानी ‘सिंदूर’ का सौदा होता रहा, लेकिन प्रधानमंत्री चुप रहे. विदेश मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा. हमें नहीं मालूम कि अमेरिका और चीन के पास पीएम मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और भाजपा के नेताओं के ऐसे कौन से राज हैं, क्योंकि इनका कभी अमेरिका और चीन के आगे मुंह नहीं खुलता. जब भी मुंह खुलता है तो सीधा क्लिन चिट देने के लिए खुलता है. आपके जो रहस्य उनके पास होंगे, हमें उनसे कोई मतलब नहीं, लेकिन उससे देश को नुकसान क्यों पहुंच रहा है?”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए पूछा, “पहलगाम हमले का न्याय क्यों नहीं मिल पाएगा, क्योंकि आप चीन और अमेरिका से डरते हैं. पूरे देश और दुनिया को मालूम है कि इस युद्ध में चीन की क्या भूमिका रही है और अमेरिका खुद इस युद्ध को रोकने में अपनी भूमिका आगे बढ़-चढ़कर बता रहा है, लेकिन जयशंकर का मुंह नहीं खुलता. इसलिए ये सवाल पूछना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है.”
उन्होंने जयशंकर पर सवाल उठाते हुए कहा, “विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खुद मीडिया एजेंसियों को बताया कि हमने हमला करने से पहले पाकिस्तान को सूचित कर दिया था. अब ये सूचित करने का क्या मतलब होता है? विदेश मंत्री को पाकिस्तान पर इतना भरोसा है कि उनके कहने पर आतंकी चुपचाप बैठेंगे? विदेश मंत्री का क्या रिश्ता है और उन्होंने हमले से पहले पाकिस्तान को क्यों बताया? दरअसल, इसे कूटनीति नहीं बल्कि मुखबिरी कहा जाता है. विदेश मंत्री ने जो बोला उसे सबने सुना- फिर भी इस पर लीपापोती की जा रही है.”
उन्होंने कहा, “क्या इसी मुखबिरी की वजह से मसूद अजहर जिंदा बच गया और हाफिज सईद जिंदा भाग गया? क्या देश को जानने का हक नहीं है कि पाकिस्तान को हमले की सूचना देकर मसूद अजहर को दोबारा बचाया गया, क्योंकि इससे पहले मसूद अजहर को कंधार हाईजैक के समय छोड़ा गया था. विदेश मंत्री का यह बयान संवेदनशील है, क्योंकि इस बयान से तो यही लगता है कि आतंकी अपने ठिकानों से भाग गए होंगे. ऐसा क्यों किया गया और इस पर प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री को जवाब देना होगा.”
पवन खेड़ा ने भाजपा पर देशहित के मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “भाजपा देशहित के मुद्दों पर ओछी राजनीति कर रही है. उसके बाद भी सोचती है कि विपक्ष चुप रहेगा और देश की सुरक्षा से जुड़े सवाल नहीं पूछेगा. हम सवाल पूछते रहेंगे और नहीं पूछेंगे तो देश में आतंकी घटनाएं होती रहेंगी. इतिहास में दर्ज है कि जब मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने जनरल जिया उल-हक को फोन कर कहा कि हमें रॉ वालों ने बताया है कि काहुटा में न्यूक्लियर प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान की क्या तैयारी चल रही है? उन्होंने सारी डिटेल पाकिस्तान को बता दी. इस घटना के कुछ दिन बाद ही हमने रॉ के कई लोगों को गंवा दिया और उनकी दशकों की मेहनत बर्बाद हो गई. आपको बता दें कि ये जानकारी पाकिस्तान को देने वाले मोरारजी को ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ से नवाजा गया था.”
उन्होंने कहा, “मोरारजी देसाई के इस पाप की कीमत आज भी देश अदा कर रहा है. इसी तरह एस. जयशंकर ने जो किया, वह पाप की श्रेणी में आता है. हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था, लेकिन अचानक से डोनाल्ड ट्रंप आए और उन्होंने सीजफायर करा दिया. हमें सिंदूर से समझौता मंजूर नहीं है. देश से गद्दारी मंजूर नहीं है- चाहे वो कोई भी, किसी भी पद पर हो, हम सवाल पूछेंगे.”
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एफएम/जीकेटी