मुंबई, 1 मार्च . पुणे में 26 साल की युवती के साथ रेप मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस विपक्ष के निशाने पर हैं. इस बीच, उनकी सरकार में गृह राज्य मंत्री योगेश कदम ने ऐसा बयान दिया है जिससे विपक्ष महायुति सरकार पर हमलावर हो गया है. योगेश कदम ने कहा कि बस स्टैंड के अंदर यह घटना शांतिपूर्ण तरीके से हुई. युवती ने शोर क्यों नहीं मचाया, जबकि घटना के वक्त आस-पास 10-15 लोग मौजूद थे. पीड़िता ने आपत्ति नहीं जताई, इसलिए किसी को पता नहीं चला. योगेश कदम के इस बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कड़ा विरोध जताया है.
हर्षवर्धन सपकाल ने समाचार एजेंसी से कहा कि जब कोई पीड़ित खराब समय से गुजरती है तो उसकी प्रतिक्रिया क्या होनी चाहिए, इसकी परिकल्पना करना भी समझ से परे है. गृह राज्य मंत्री का जिस तरह का बयान है, ऐसे लोगों को सार्वजनिक रूप से ही संन्यास ले लेना चाहिए. वह क्या बोल रहे हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा है. वह पीड़िता के साथ हैं या फिर आरोपी के साथ? मैं समझता हूं कि इस तरह के बयान नहीं होने चाहिए.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन द्वारा हिंदी भाषा पर दिए बयान को लेकर हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने तमाम साहित्य अकादमी के माध्यम से भारत को जोड़ने का प्रयास किया. कांग्रेस की नीति इससे स्पष्ट हो जाती है.
कर्नाटक-महाराष्ट्र के बीच बस सर्विस विवाद पर उन्होंने कहा कि इस तरह का विवाद पहले भी हुआ है. कांग्रेस पार्टी की नीति महाराष्ट्र की जनभावना के साथ है. महाराष्ट्र की महायुति सरकार दो वर्गों, दो धर्मों में लड़ाई लड़वाना चाहती है. जो भी घटनाएं हो रही हैं, वह सरकार की विफलता को दर्शाती हैं.
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डीकेएम/एकेजे