नई दिल्ली, 18 जून . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत के बाद भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए. इस पार्टी ने जिस तरह से देशभर में झूठ फैलाकर लोगों के बीच में भ्रम की स्थिति पैदा की है, उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में यह स्पष्ट कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध में अमेरिकी राष्ट्रपति की कोई भूमिका नहीं थी. भारत-पाकिस्तान के तनाव के दौरान कोई भी तीसरा मुल्क इसमें शामिल नहीं था और ना ही भारत कभी किसी तीसरे मुल्क की भूमिका को कभी स्वीकार सकता है. अगर किसी को लगता है कि भारत ने पाकिस्तान से युद्ध के दौरान अमेरिका की भूमिका को स्वीकारा था, तो उसे अपनी इस गलतफहमी को दूर कर लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देकर यह स्पष्ट कर दिया था कि अगर भारत को छेड़ने की कोशिश की जाएगी, तो इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि गोली का जवाब अब गोले से देने का वक्त आ चुका है.
इसके अलावा, भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अभी खत्म नहीं हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने पूरी दुनिया के सामने यह साबित कर दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन, बीते दिनों जिस तरह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठाए थे, वो निंदनीय है. जिस तरह से राहुल गांधी ने पूछा था कि पाकिस्तान के कितने जहाज गिराए गए? उसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि अब जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के समक्ष बेबाकी से अपनी बात रखी और इसके अलावा ट्रंप ने भी क्वाड का आमंत्रण स्वीकार किया है, उससे एक बात तो साफ हो चुकी है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि इन तमाम स्थितियों के संपन्न होने के बाद अगर कांग्रेस नेता जयराम रमेश में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है, तो उन्हें सामने आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहिए और अपनी बात स्पष्ट करनी चाहिए. उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के दौरान किसी भी तीसरे मुल्क की कोई भूमिका नहीं रही.
उन्होंने कहा कि जब कभी वैश्विक मंच पर सामरिक मोर्चे के मामले में भारत की साख बढ़ती है, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बात को स्वीकार नहीं कर पाते हैं और इसलिए वह सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगते हैं. संभवत: इसलिए, वह विदेशी भूमि पर जाकर भारत के खिलाफ बोलते हैं. बीते दिनों जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर पूरी दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ हो रही है, तो राहुल गांधी इस बात को स्वीकार नहीं कर पाए और उन्होंने इस पर सवाल उठाना शुरू कर दिया. जबकि आज की तारीख में दुनिया यह मानती है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की साख बढ़ी है. भारत आर्थिक मोर्चे पर आगे बढ़ा है. यह कोई मजाक की बात नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी को बीस से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं.
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एसएचके/एएस