प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगी कांग्रेस : शिवराज सिंह चौहान

Bhopal , 26 जुलाई . Union Minister शिवराज सिंह चौहान ने Saturday को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि वह Prime Minister Narendra Modi का विरोध करते-करते देश का ही विरोध करने लगी है. Union Minister का यह बयान कांग्रेस के कारगिल और ऑपरेशन सिंदूर पर उठाए सवालों के जवाब में आया.

कारगिल विजय दिवस के अवसर पर Union Minister ने कहा, “आज का दिन खास है. अपनी सेना के शौर्य को प्रणाम, उनकी वीरता को प्रणाम. उन सैनिकों को प्रणाम जिन्होंने अपना बलिदान दिया था.”

कांग्रेस की ओर से कारगिल और फिर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर आए बयानों पर कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस तो कारगिल विजय पर सवाल उठाती है. वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए की Government रही, तब कारगिल विजय दिवस मनाया ही नहीं गया था. कांग्रेस के एक सांसद ने तो यहां तक कहा था कि हम क्यों मनाएं, क्योंकि यह युद्ध तो एनडीए की Government में लड़ा गया. सवाल उठता है कि जब कोई देश युद्ध करता है तो क्या वह किसी Government के लिए करता है? क्या इस तरह के सवाल खड़े करना देशभक्ति है?

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने न केवल कारगिल युद्ध पर, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर पर भी सवाल उठाए, जो गलत है. कांग्रेस देश का नुकसान करने में लगी है और उसकी सोच राष्ट्र विरोधी हो गई है. Prime Minister मोदी का विरोध करते-करते कांग्रेस देश का विरोध करने लगी है. इसके नेता Pakistan जैसी बातें करते हैं, जिन्हें Pakistan दुनिया में उदाहरण के तौर पर पेश करता है. लेकिन हम अपनी सेना के शौर्य को सलाम करते हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से हाल ही में पिछड़े वर्ग को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी बहुत देर बाद समझ पाते हैं. पहले उन्होंने आपातकाल के लिए माफी मांगी, फिर सिख दंगों के लिए माफी मांगी, और अब ओबीसी समाज से माफी मांग ली. कांग्रेस को बताना चाहिए कि उन्होंने ओबीसी के लिए किया क्या है. कांग्रेस यह बताए कि मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में किसने डाला था. इतना ही नहीं, ओबीसी के कल्याण के हर कदम को पहले कुचलने का प्रयास किया कांग्रेस ने और बाद में यह माफी मांग लेते हैं.

उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले राहुल गांधी ने राफेल के मामले में माफी मांगी थी और अब जो कर रहे हैं उसके लिए 10 साल बाद माफी मांगेंगे. माफी मांगना उनके भाग्य में लिखा हुआ है.

एसएनपी/पीएसके