भाजपा शासित राज्यों में ‘बुलडोजर एक्शन’ पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

नई दिल्ली, 24 अगस्त . भाजपा शासित राज्यों में अपराधियों के घर पर बुलडोजर एक्शन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल उठाए हैं. खड़गे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों को बार-बार निशाना बनाया जाना बेहद परेशान करने वाला है. कानून के शासन वाले समाज में ऐसी कार्रवाइयों का कोई स्थान नहीं है. वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि बुलडोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए.

कांग्रेस नेता का बयान ऐसा वक्त में जब मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में आरोपी के घर को बुल्डोजर से जमींदोज किया गया. अब भाजपा शासित राज्यों में अपराधियों के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”किसी का घर ध्वस्त करना और उसके परिवार को बेघर करना अमानवीय और अन्यायपूर्ण है. भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों को बार-बार निशाना बनाया जाना बेहद परेशान करने वाला है. कानून के शासन वाले समाज में ऐसी कार्रवाइयों का कोई स्थान नहीं है.”

खड़गे ने आगे लिखा, ”कांग्रेस पार्टी भाजपा की राज्य सरकारों की संविधान की घोर अवहेलना करने और नागरिकों में भय पैदा करने के लिए बुलडोजर चलाने की रणनीति की कड़ी निंदा करती है. अराजकता प्राकृतिक न्याय की जगह नहीं ले सकती – अपराधों का फैसला अदालतों में होना चाहिए, न कि राज्य प्रायोजित दबाव के जरिए.”

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”अगर कोई किसी अपराध का आरोपी है तो उसका अपराध और उसकी सजा सिर्फ अदालत तय कर सकती है. लेकिन आरोप लगते ही आरोपी के परिवार को सजा देना, उनके सिर से छत छीन लेना, कानून का पालन न करना, अदालत की अवहेलना करना, आरोप लगते ही आरोपी का घर ढहा देना — यह न्याय नहीं है. यह बर्बरता और अन्याय की पराकाष्ठा है.”

उन्होंने लिखा, ”कानून बनाने वाले, कानून के रखवाले और कानून तोड़ने वाले में फर्क होना चाहिए. सरकारें अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकतीं. कानून, संविधान, लोकतंत्र और मानवता का पालन सभ्य समाज में शासन की न्यूनतम शर्त है. जो राजधर्म नहीं निभा सकता, वह न तो समाज का कल्याण कर सकता है, न ही देश का. बुलडोजर न्याय पूरी तरह अस्वीकार्य है, यह बंद होना चाहिए.”

एसके/