New Delhi, 12 सितंबर . पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में Friday को New Delhi में पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के प्रमुख नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में पार्टी ने राज्य में अपनी संगठनात्मक ताकत को मजबूत करने और चुनावी रणनीति पर गहन विचार-विमर्श किया.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस बैठक की जानकारी साझा करते हुए social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जीए मीर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुबंकर सरकार, हमारे वरिष्ठ नेताओं और पश्चिम बंगाल की राजनीतिक मामलों की समिति के अन्य सदस्यों के साथ बैठक कर बहुत अच्छा लगा.”
उन्होंने बताया कि बैठक में पश्चिम बंगाल में पार्टी को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर संगठन को सशक्त बनाने के उपायों पर सार्थक चर्चा हुई. वेणुगोपाल ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राज्य के सामाजिक सुधारों और भारत को प्रमुख नेता देने तक, हमेशा पश्चिम बंगाल के इतिहास के केंद्र में रही है.
उन्होंने एक्स पोस्ट में आगे लिखा, “हमने पश्चिम बंगाल में पार्टी को आगे बढ़ाने के तरीके और जमीनी स्तर पर अपने संगठन को कैसे मजबूत किया जा सकता है, इस पर सार्थक चर्चा की. स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राज्य के सामाजिक सुधारों को आकार देने और भारत को अग्रणी नेता देने तक कांग्रेस पार्टी हमेशा से बंगाल के इतिहास के केंद्र में रही है. यह विरासत हमें प्रेरित करती रहती है, क्योंकि हम पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए नई आशा, एकता और प्रगति लाने के लिए काम करते हैं.”
बैठक में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी ने राज्य में गठबंधन की संभावनाओं, स्थानीय नेतृत्व को बढ़ावा देने और मतदाताओं के बीच अपनी उपस्थिति को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया.
इसके अलावा, संगठनात्मक ढांचे को और मजबूत करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने और युवा नेतृत्व को प्रोत्साहित करने की रणनीति पर भी विचार-विमर्श हुआ.
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस लंबे समय तक सत्ता में काबिज रही है, लेकिन पिछले कुछ दशकों से राज्य में पार्टी का प्रभाव कम हुआ है. ऐसे में आगामी चुनाव में पार्टी की रणनीति महत्वपूर्ण होगी.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए पार्टी को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचने की जरूरत है.
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एकेएस/जीकेटी