मुंबई, 9 नवंबर . महाराष्ट्र में विधासभा चुनाव से पहले 7 नवंबर को उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने के लिए मुस्लिमों को 10 फीसदी आरक्षण, आरएसएस पर बैन जैसी 17 शर्तें रखी हैं. इस पर शिवसेना नेता शाइना एनसी ने कांग्रेस पार्टी को घेरा है.
उन्होंने से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति की है. हर बार यह देखा गया है कि कांग्रेस पार्टी किसी को तुष्टिकरण, किसी को वोट बैंक या फिर किसी को गलत तरीके से समर्थन और शरण देती है. यहां साफ़ नजर आता है कि कांग्रेस पार्टी उलेमाओं को वोट बैंक के रूप में देख रही है और लगातार उन्हें आश्वासन देती जा रही है. मैं यह पूछना चाहती हूं कि यूबीटी सेना का इस पर क्या रुख है? क्या वे भी तुष्टिकरण की राजनीति अपनाएंगे? पिछले 60 सालों में कांग्रेस ने मुस्लिम और दलितों को सिर्फ दबाया है, जबकि हमारा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का एक लक्ष्य रहा है, “सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास”, जिसमें हर वर्ग को साथ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है. कांग्रेस आज सिर्फ लॉलीपॉप देने की राजनीति कर रही है.”
उन्होंने आगे कहा, “राज्य में किसी भी रैली से किसी को कोई फायदा नहीं होने वाला. जब तक जनता खुद बदलाव की मांग नहीं करती, तब तक कोई रैली या प्रचार काम नहीं आता. मुंबई में 20 तारीख को महायुति, हमारी पार्टी को ही जनता का समर्थन मिलेगा, क्योंकि मुंबादेवी विधानसभा के लोग 15 साल से चली आ रही बुरी परिस्थितियों से तंग आ चुके हैं. जो अन्याय जनता के साथ हो रहा है, वह संवेदनशीलता के साथ समझा जा सकता है.”
उन्होंने कहा, “कर्नाटक में कांग्रेस ने जो स्थिति बनाई है, वह भी खासी चिंताजनक है. वहां कांग्रेस पार्टी के लिए हालात अब निराशाजनक हो गए हैं. मुख्यमंत्री के बारे में जो बयान दिए जा रहे हैं, वे इस बात का संकेत हैं कि कांग्रेस की नैतिक स्थिति खत्म हो चुकी है. यह बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस ने 15 साल में कुछ खास काम नहीं किया और लोग अब इस पार्टी से त्रस्त हो चुके हैं.”
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पीएसएम/जीकेटी