नई दिल्ली, 28 मई . भारत-पाक सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर कांग्रेस पार्टी के दावों को कांग्रेस पार्टी के सांसद मनीष तिवारी ने ही खारिज कर दिया है. दरअसल, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं और विदेश में सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत का रुख रख रहे हैं. उन्होंने एक बैठक के दौरान साफ कर दिया है कि भारत-पाक सीजफायर में डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई थी, जिसमें किसी तीसरे ने कोई भूमिका नहीं निभाई थी.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के बयान पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि निश्चित तौर पर सरकार भी यही बात कह रही है. लेकिन, देश जानना चाहता है कि किन शर्तों पर सीजफायर हुआ.
बुधवार को समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि डीजीएमओ स्तर की बातचीत हुई. लेकिन, सवाल यह है कि पीएम मोदी ने जिस दिन देश को संबोधित किया, उससे पहले कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह चुके थे कि वह भारत-पाक का सीजफायर कराने में मध्यस्थता करेंगे. पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन में इसका जिक्र नहीं किया गया. इसीलिए, देश जानना चाहता है कि किन शर्तों पर सीजफायर हुआ. जहां तक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की बात है, तो एक बात साफ करना चाहूंगा कि देश के अंदर और बाहर हमारी भूमिका अलग है. बाहर हम राष्ट्र का नेतृत्व करते हैं. देश के अंदर हम सरकार के आलोचक हैं. दोनों बातों को एक साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जाति जनगणना को मंजूरी दिए जाने पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि हमने तेलंगाना में जाति जनगणना का मॉडल लागू किया. राहुल गांधी ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि वे जाति आधारित जनगणना सुनिश्चित करेंगे. राहुल गांधी के दबाव में सरकार इस पर तैयार हुई. सरकार को इस पर एक समय सीमा तय होनी चाहिए.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष नागरिकों की याद में एक भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की है. कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि यह एक सराहनीय पहल है. लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. अगर मुख्यमंत्री अब्दुल्ला अपनी जान गंवाने वाले निर्दोष पर्यटकों को सम्मानित करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं, तो इससे यह संदेश जाता है कि पूरा देश पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ा है. हम एक राष्ट्र के रूप में एक परिवार हैं. स्मारक के साथ-साथ सुरक्षा चूक की जांच भी जरूरी है.
मानसून सत्र में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के सरकार के कदम पर कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि निश्चित रूप से, अब तक जो खुलासे हुए हैं, वे प्रारंभिक चरण में हैं. अगर सरकार महाभियोग प्रस्ताव लाती है और कांग्रेस का समर्थन मांगती है, तो हम हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े रहे हैं. अगर न्यायपालिका, न्याय के मूल स्तंभ के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगते हैं, तो संबंधित न्यायाधीश से स्वेच्छा से इस्तीफा देने की उम्मीद की जा सकती है. साथ ही, भाजपा इस मामले में कार्रवाई में देरी क्यों कर रही है? उनके संवैधानिक मूल्य अब कहां हैं.
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डीकेएम/केआर