कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नया आरोप- वेबसाइट बंद कर सबूत मिटा रहा चुनाव आयोग

Bengaluru, 8 अगस्त . Lok Sabha में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर नए आरोप लगाए हैं. Bengaluru में आयोजित कांग्रेस की ‘वोट अधिकार रैली’ में राहुल गांधी ने नया दावा करते हुए कहा कि जब देश की जनता हमारे डेटा को लेकर सवाल पूछ रही है तो चुनाव आयोग ने वेबसाइट ही बंद कर दी है.

रैली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव आयोग ने बिहार, Madhya Pradesh और Rajasthan में अपनी वेबसाइट बंद की है. चुनाव आयोग जानता है कि जनता उनसे सवाल पूछने लगी तो उनका पूरा ढांचा ढह जाएगा.”

‘शपथ पत्र’ वाले नोटिस पर राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है. वह कहता है कि मुझे शपथ लेनी होगी. लेकिन मैंने संसद में संविधान की शपथ ली है.

कांग्रेस सांसद ने फिर मांग रखी कि चुनाव आयोग हमें पूरे देश की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और चुनाव से जुड़े वीडियोग्राफी के रिकॉर्ड दे. उन्होंने कहा कि अगर हमें ये मिल जाए तो हम साबित कर देंगे कि पूरे देश में सीटें चोरी की गई हैं.

अपने आरोपों को दोहराते हुए राहुल गांधी ने कहा, “पहले Lok Sabha का चुनाव हुआ, फिर Maharashtra का विधानसभा चुनाव हुआ. Lok Sabha में हमारा गठबंधन भारी सीटों के साथ चुनाव जीता, लेकिन फिर चार महीने बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत गई. ये बेहद चौंकाने वाली बात थी. हमने पता किया तो मालूम चला कि विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए मतदाताओं ने वोट डाला है. जहां भी ये नए वोटर आए, वहां भाजपा ने जीत हासिल की. हमारे वोटों में कमी नहीं आई, लेकिन नए मतदाताओं का वोट भाजपा के खाते में गया. उसी दिन हमें समझ आ गया कि दाल में कुछ काला है.”

कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, “चुनाव आयोग से मदद नहीं मिली तो हमने खुद से जांच शुरू की. इसके लिए हमने Bengaluru सेंट्रल Lok Sabha सीट के महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र को चुना. हमने जांच में जो पाया, मैंने उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबके सामने रखा और ये साबित कर दिया कि भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर ‘वोट चोरी’ की है. महादेवापुरा विधानसभा क्षेत्र में साढ़े 6 लाख वोट हैं और उसमें से 1,00,250 ‘वोट चोरी’ किए गए हैं. मतलब- भाजपा ने हर 6 में से 1 ‘वोट चोरी’ किया है.”

उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हमने जो डेटा निकाला है, वह अपराध का सबूत है. इस डेटा को निकालने में हमें 6 महीने लगे. हमने हर एक नाम को चेक किया, हर एक फोटो को लाखों फोटो के साथ मैच किया. हमारा मानना है कि चुनाव का डेटा एक सबूत है. अगर उसे किसी ने खत्म किया, तो उसका मतलब है कि वह सबूत मिटा रहा है.

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