गुवाहाटी, 17 मई . असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस द्वारा सांसद गौरव गोगोई का नाम विदेश जाने वाले सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने के लिए भेजने पर कड़ा ऐतराज जताया. केंद्र सरकार ने दुनिया के प्रमुख देशों को आतंकवाद के प्रति भारत के रुख से अवगत कराने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की अनिवार्यता बताने के लिए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने की घोषणा की है.
सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “एक सांसद (असम से) ने अभी तक पाकिस्तान में अपने दो सप्ताह के कथित प्रवास से इनकार नहीं किया है. साथ ही, विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उनकी पत्नी भारत में रहते हुए पाकिस्तान के एक एनजीओ से पैसा ले रही थीं.”
सीएम सरमा ने इस आधार पर गौरव गोगोई को ‘संवेदनशील और रणनीतिक’ जिम्मेदारी से हटाने की अपील की है. उनका कहना है कि ऐसे व्यक्ति को, जिन पर पाकिस्तान से संबंध होने के गंभीर आरोप हैं, देश की विदेश नीति को लेकर किसी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा नहीं होना चाहिए.
कांग्रेस ने कहा कि सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के विभिन्न देशों के दौरे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और पाकिस्तान को सबक सिखाने में देश एकजुट है.
हालांकि, पार्टी ने पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए घटनाक्रम के मुद्दे पर भारत का नजरिया रखने के लिए सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भेजने के केंद्र सरकार के इरादे पर सवाल उठाया.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रतिनिधिमंडलों का विदेश दौरा एक बाद की सोच थी, क्योंकि सरकार को एहसास हो गया है कि उसका नैरेटिव विफल हो गया है.
प्रतिनिधिमंडल के लिए अपनी पार्टी के सांसदों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार एक गंभीर और संवेदनशील मामले पर खेल खेल रही है.
उन्होंने क्रिकेट के साथ तुलना करते हुए टिप्पणी की, “कांग्रेस नियमों के अनुसार खेल रही है, दूसरी पार्टी (भाजपा) बॉडीलाइन को निशाना बना रही है.”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से बात की है और चार नाम मांगे हैं.
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डीएससी/एबीएम/एकेजे