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New Delhi, 16 जुलाई . Prime Minister Narendra Modi 18 जुलाई को बिहार के मोतिहारी आ रहे हैं. यहां वो जनसभा को संबोधित करेंगे. उनके इसी दौरे पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने सवाल उठाए हैं.
उन्होंने आईएनएस से बातचीत में कहा कि साल 2014-2015 में भी Prime Minister मोतिहारी आए थे और तब उन्होंने राज्य की जनता से वादा किया था कि बिहार में बंद चीनी मिलों को खुलवाएंगे और यहां बनी चीनी से वो चाय भी पीएंगे. अब जब Prime Minister मोतिहारी आ रहे हैं, तो निश्चित तौर पर सूबे की जनता उनसे यह सवाल करेगी कि वो बंद मिलों को कब खुलवाने जा रहे हैं. पहले बिहार से राष्ट्रीय स्तर पर 27 फीसदी चीनी की आपूर्ति होती थी. लेकिन, आज यहां केवल दो फीसदी ही चीनी का निर्माण हो रहा है.
उन्होंने कहा कि Prime Minister को यह बताना चाहिए कि अब तक उनके शासनकाल में बिहार में कितने कल-कारखाने और उद्योग स्थापित हुए. उन्हें यह बताना चाहिए कि बिहार में अब तक कितने लोगों को रोजगार मिल रहा है. उन्हें यह बताना चाहिए कि उनकी Government ने अब तक बिहार के विकास के लिए क्या काम किए हैं. उनकी Government ने आज तक बिहार के लिए कुछ नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि नीति आयोग भी केंद्र Government के अधीन ही है. ऐसी स्थिति में नीति आयोग की रिपोर्ट भी इस बात की पुष्टि करती है कि कल-कारखाने और उद्योगों के मामले में बिहार 28वें स्थान पर जा चुका है. क्या इस बारे में Prime Minister जवाब देंगे. उन्हें इस मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए. बिहार लगातार पिछड़ता जा रहा है. पहले इसे ‘बीमारू’ राज्य कहा जाता था. अब इसकी पहचान के लिए कोई शब्द नहीं बचा है.
वहीं, कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने एनडीए के सहयोगी टीडीपी की तरफ से चुनाव आयोग को लिखे पत्र पर तीखी प्रतिक्रिया दी और दावा किया कि अभी तो सिर्फ टीडीपी ने ही पत्र लिखा है. आने वाले दिनों में भाजपा को छोड़कर अन्य Political दल भी पत्र लिखेंगे, क्योंकि वोट तो सभी Political दलों को चाहिए और चुनाव में वोट लेने के लिए सभी दलों के नेता जाते हैं और जाना तो जनता के बीच ही होता है.
उन्होंने बिहार की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि पिछले 20 साल से नीतीश कुमार और भाजपा सत्ता में हैं. सूबे में अब लोगों का जीना दूभर हो चुका है. यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि बिहार अब पूरे देश में ‘क्राइम कैपिटल’ के रूप में उभरकर सामने आया है.
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एसएचके/एबीएम