नई दिल्ली, 11 नवंबर . जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ली. उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई. संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी शामिल नहीं हुए. इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने उनकी और कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है.
प्रदीप भंडारी ने कहा, “आपातकाल इंदिरा गांधी ने लगाया था, और वे (कांग्रेस के नेता) संविधान को नष्ट करना चाहते हैं. यही कारण है कि राहुल गांधी न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए, जो एक स्वतंत्र न्यायाधीश हैं. कांग्रेस ऐसी न्यायपालिका को पसंद करती है जो संविधान की नहीं, गांधी परिवार की बात सुनती हो.”
एक सवाल के जवाब भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी की सोच नस्लवादी है. उन्होंने कहा, “यह एक नस्लवादी पार्टी है. इसीलिए सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पूर्व के लोग चीनी लगते हैं और साउथ के लोग उन्हें अफ्रीकन दिखते हैं. अब जमीर अहमद ने कुमार स्वामी के लिए “काला” शब्द का इस्तेमाल किया है. यह कांग्रेस की नस्लवादी सोच को दर्शाता है. गांधी परिवार ने हमेशा यही सोचा है कि वे भारतीयों को हीन भावना से देखते हैं. इसलिए कांग्रेस के खिलाफ ओबीसी समाज प्रखर रूप से खड़ा होता है. कांग्रेस हर उस नेता से नफरत करती है जो जमीन से जुड़ा हुआ है और अपनी पहचान बनाई है. अगर कांग्रेस को लगता है कि यह बयान उचित नहीं है तो जमीर अहमद को 24 घंटे के भीतर अपनी पार्टी से निकाल दें.”
इस्लामी धर्मगुरू मौलाना तौकीर रजा ने वक्फ संशोधन विधेयक पर भड़काऊ बयान दिए थे. इस पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि तौकीर रजा को समझना चाहिए कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ की सरकार है. वे कानून-व्यवस्था तोड़ने की कोशिश करेंगे तो सख्ती से कार्रवाई होगी. इस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है, अगर ऐसा करने की कोशिश करेंगे तो जेल जाएंगे.
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डीकेएम/एकेजे