कांग्रेस नेता ने राहत पैकेज को बताया मजाक, कहा- पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपए ‘ऊंट के मुंह में जीरा’

चंडीगढ़, 9 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi ने Tuesday को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया. इसके साथ ही उन्होंने गुरदासपुर में किसानों, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों से बातचीत की. पीएम मोदी ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पंजाब को 1600 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की.

केंद्र सरकार की इस आर्थिक मदद को कांग्रेस सांसद और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह मुआवजा पंजाब की तबाही के सामने बेहद कम है. उनके अनुसार साढ़े चार लाख एकड़ से अधिक फसलें नष्ट हो चुकी हैं, ढाई लाख से अधिक पशु प्रभावित हुए हैं, हजारों मकान गिर गए और कई लोगों की जानें चली गईं.

अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह रकम कब और कैसे किसानों तक पहुंचेगी, यह किसी को पता नहीं. यदि किसी किसान के खाते में 50 हजार रुपए आएंगे, तभी इसे राहत माना जाएगा. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्रियों के समय दिए गए मुआवजों का उल्लेख करते हुए कहा कि 1988 में आपदा के समय एक अरब रुपए दिए गए थे, जिसका मूल्य आज लगभग ढाई हजार करोड़ होता है. इसी तरह 2000 के दशक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बाढ़ग्रस्त जिलों के लिए 1,200 करोड़ की सहायता दी थी. ऐसे में मौजूदा 1600 करोड़ रुपए की घोषणा नाकाफी है.

उन्होंने केंद्र और State government दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब सरकार से तो पहले ही कोई उम्मीद नहीं थी और अब केंद्र ने भी निराश किया है. बाढ़ प्रभावित किसान, जिनकी मोटर, कनेक्शन और मकान बर्बाद हो गए हैं, उन्हें केवल पचास हजार रुपए से मदद नहीं मिल सकती. जलभराव के कारण गांवों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लोग पीने का पानी बाजार से ला रहे हैं और रोजगार खत्म हो गया है.

वडिंग ने कहा कि पंजाब को कम से कम 50 हजार करोड़ रुपए की सहायता की आवश्यकता है. उन्होंने किसानों की कर्ज माफी की मांग भी उठाई. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र ने वास्तविक मदद नहीं की तो पंजाब की जनता न केंद्र सरकार को माफ करेगी, न ही State government को. मौजूदा सहायता योजना किसानों की पीड़ा और उनकी जरूरतों के सामने बेहद नगण्य है, इसलिए इसे ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ ही कहा जाएगा.

प्रतीक्षा/एसके/एएस