नई दिल्ली, 3 मार्च . कांग्रेस नेता तारिक हमीद कर्रा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के पहले बजट सत्र पर सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट सत्र सात साल से अधिक समय के बाद विधायी प्रक्रिया की वापसी को दिखाता है.
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए, कर्रा ने लंबे समय के बाद बजट भाषण देखने पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की. उन्होंने कहा, “हमें बजट भाषण देखे हुए कई साल हो गए हैं. यह देखना बहुत अच्छा है कि लोकतंत्र बहाल हो रहा है, लेकिन हम बजट की समीक्षा के बाद इसकी सामग्री पर टिप्पणी करेंगे.”
कर्रा ने कोई भी निर्णय लेने से पहले बजट की सामग्री का अध्ययन करने के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “हम पूरे दस्तावेज को देखने के बाद सामग्री पर चर्चा करेंगे. तभी हम सार्थक चर्चा कर सकते हैं.”
हालांकि, कर्रा ने क्षेत्र की मौजूदा स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की. लोकतंत्र की बहाली पर खुशी जताते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूर्ण बहाली तभी होगी जब राज्य की स्वायत्तता और शासन से जुड़े मुद्दों को ठीक से संबोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने एक समिति गठित की थी और उसे स्थिति की समीक्षा करने के लिए भेजा था. उनकी रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि महत्वपूर्ण मुद्दे अनसुलझे हैं. यह चिंता का विषय बना हुआ है.”
कर्रा ने चल रहे राजनीतिक विमर्श का भी संदर्भ दिया, जिसमें उनके पार्टी सहयोगी खुर्शीद साहब के अनुच्छेद 370 के बारे में की गई टिप्पणियों का उल्लेख किया गया. उन्होंने सुझाव दिया कि उनकी पार्टी विधानसभा सत्र आधिकारिक रूप से शुरू होने पर अपना रुख व्यक्त करेगी. कांग्रेस नेता ने कहा, “जहां तक अनुच्छेद 370 पर चर्चा का सवाल है, यह हमारी पार्टी के एजेंडे का हिस्सा है, और हम विधानसभा की कार्यवाही औपचारिक रूप से शुरू होने पर इस पर बात करेंगे.”
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