जातिगत जनगणना पर देश को गुमराह कर रहे कांग्रेस नेता : राजनाथ सिंह

खूंटी, 9 नवंबर . केंद्रीय रक्षा मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जातिगत जनगणना के नाम पर देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने शनिवार को झारखंड की खूंटी विधानसभा सीट पर चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सवाल उठाया कि यह जाति का पिटारा खोल कर कांग्रेस क्या करना चाहती है और किसका आरक्षण काटना चाहती है?

उन्होंने कहा, इनके नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि आप अलग-अलग जातियों के लिए आरक्षण की क्या व्यवस्था करेंगे. जब तक ये जवाब न दें, तब तक इनको समर्थन नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे से पूछा कि देश में हजारों-लाखों की संख्या में जो जातियां है, उनके कल्याण के लिए या उनको आरक्षण देने के लिए क्या आपके पास कोई ब्लू प्रिंट या रोड मैप है?

केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि साल 2011 में एक सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना हुई थी, इसमें करीब 46 लाख जातियां, उपजातियां और गोत्र निकल कर आए थे. यह संख्या इतनी विशाल थी कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई. कांग्रेस पचास वर्षों तक शासन में रही, उसे इसके पहले कभी जातिगत जनगणना की चिंता क्यों नहीं हुई?

कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल को निशाने पर लेते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इनका ट्रैक रिकॉर्ड है कि ये जनता से किए वादे कभी पूरा नहीं करते, जबकि भारतीय जनता पार्टी जो कहती है, उसे कर दिखाती है. इस देश में चुनी हुई प्रदेश सरकारों को गिराने का काम भी सबसे अधिक अगर किसी ने किया है, तो कांग्रेस पार्टी ने किया है. जबकि मोदीजी की सरकार ने एक भी प्रदेश सरकार को आज तक नहीं गिराया.

झारखंड में अवैध घुसपैठ की समस्या का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हालात इतने ख़राब हैं कि स्कूलों में सरस्वती वंदना तक पर रोक लगानी पड़ी है. अब यहां तीज-त्योहारों में भी पत्थरबाजी की घटनाएं होने लगी हैं. उन्होंने झारखंड में नक्सलवाद पर नियंत्रण की चर्चा करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनके नेतृत्व में एनडीए सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ पूरे देश में प्रभावी कारवाई की. झारखंड समेत देश के अधिकांश जिलों में से नक्सली हिंसा लगभग समाप्त हो गई है.

आदिवासी कल्याण और उत्थान के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज आदिवासी समाज की एक बेटी भारत की राष्ट्रपति बन चुकी हैं. यह न सिर्फ आदिवासी समाज, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है. भारतीय जनता पार्टी ने इसके पहले 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में एक आदिवासी, नॉर्थ-ईस्ट से आने वाले पीए संगमा को उम्मीदवार बनाया था, तो 2017 में दलित समाज के रामनाथ कोविंद जी को बनाया.

राजनाथ सिंह ने खूंटी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ सिंह मुंडा के लिए वोट मांगे. उन्होंने कहा कि कई टर्म विधायक और मंत्री रहने के बावजूद नीलकंठ सिंह मुंडा पर आज तक भ्रष्टाचार या बदनामी का कोई दाग नहीं लगा.

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