एमपी के मंत्री के बयान को कांग्रेस नेता ने बताया शर्मनाक, कार्रवाई की मांग

पटना, 14 मई . मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में राज्य सरकार के मंत्री विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए. इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की नारी शक्ति के प्रति भाजपा के मंत्री ने इतनी अभद्र टिप्पणी की.

समाचार एजेंसी से बात करते हुए अभय दुबे ने कहा कि यह भाजपा के चरित्र और मानसिकता को उजागर करता है. बेहतर होता यदि प्रधानमंत्री इस पर स्वयं संज्ञान लेते और मंत्री को तत्काल बर्खास्त करते. हाईकोर्ट के हस्तक्षेप से न्यायपालिका में आम लोगों का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है. अब भाजपा को चाहिए कि वह मंत्री पर कड़ी कार्रवाई करे, जिससे देशभर में सकारात्मक और न्यायप्रिय संदेश जाए.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे और प्रदेश के कई हिस्सों में प्रस्तावित छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी शिक्षा और न्याय को लेकर बिहार के छात्रों से संवाद करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक क्रांति का सूत्रपात कर रहे हैं, जिसमें शिक्षा और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखा गया है. बिहार में शिक्षा का ढांचा बेहद जर्जर है, लगभग 20 हजार स्कूल ऐसे हैं, जहां अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं है. रोजगार के अवसरों की भारी कमी है और राज्य का युवा बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहा है. राहुल गांधी इस स्थिति को बदलने का संकल्प लेकर बिहार आ रहे हैं और 70 से ज्यादा स्थानों पर छात्रों से संवाद करेंगे, जिनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी शामिल रहेंगे. इस संवाद का उद्देश्य समस्याओं को समझना और समाधान खोजना है, ताकि बिहार के छात्रों को एक बेहतर भविष्य मिल सके.

इसके साथ ही, राहुल गांधी गुरुवार को पटना में छात्रों के साथ ‘फुले’ फिल्म देखने भी जा रहे हैं. इस पर जेडीयू और बीजेपी ने तंज कसते हुए कहा कि बिहार में चुनाव नजदीक है, इसलिए राहुल गांधी फिल्म देख रहे हैं. इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह फिल्म सिर्फ एक प्रचार माध्यम नहीं है, बल्कि यह उन समाज सुधारकों की गाथा है, जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज के वंचित, शोषित और पिछड़े वर्गों को रोशनी का मार्ग दिखाया.

उन्होंने आगे कहा कि ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले ने खासकर बेटियों और दलित समुदाय के लिए शिक्षा का मार्ग प्रशस्त किया था. राहुल गांधी इस फिल्म के माध्यम से उस दर्द को महसूस करना चाहते हैं, जिससे आज भी समाज का एक बड़ा हिस्सा जूझ रहा है, ताकि उस दर्द का समाधान बेहतर ढंग से किया जा सके.

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