नई दिल्ली, 22 मार्च . कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर हमला बोला है.
भंडारी ने कहा कि कांग्रेस औरंगजेब की मानसिकता वाली पार्टी है, जो बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान के प्रति विश्वास नहीं रखती. उन्होंने यह भी कहा कि जब डॉक्टर मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मिलना चाहिए, जो तुष्टिकरण की ओर इशारा करता है.
भंडारी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल हिंदुओं को गालियां देते हैं, सनातन धर्म का मजाक उड़ाते हैं और मंदिरों को छेड़छाड़ की जगह बताते हैं, जबकि दूसरी तरफ मुसलमानों को विशेष सरकारी ठेके देने की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह भूल रही है कि भारत बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान से चलता है, न कि एक इस्लामी राज्य की तरह.
भंडारी ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज को इस देश की संस्कृति का प्रतीक मानती है, जबकि विपक्षी नेता जैसे राहुल गांधी, अखिलेश यादव और उद्धव ठाकरे औरंगजेब को भारत का प्रतीक मानते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता औरंगजेब की महिमा मंडन करने वालों के खिलाफ बोलने का साहस नहीं दिखाते हैं.
भंडारी ने यह स्पष्ट किया कि भाजपा देश के सनातन समाज के साथ खड़ी है और इस तुष्टिकरण की राजनीति का विरोध करेगी.
कर्नाटक सरकार द्वारा सरकारी टेंडरों में मुस्लिम ठेकेदारों को चार फीसदी आरक्षण देने के फैसले पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारा संविधान कभी भी धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है और इसलिए कांग्रेस कभी भी सफल नहीं होगी.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “पहले चर्चा सांप्रदायिक कोटे (आरक्षण) के बारे में थी और अब अनुबंधों में भी कोटा लागू कर दिया गया है. कोटा लागू करने की कोशिश पूरी तरह से संविधान की हत्या करने की साजिश है. हालांकि, ऐसा करने वाले कभी भी सफल नहीं होंगे. यहां तक कि वे भी जानते हैं कि हमारा संविधान कभी भी धर्म के आधार पर कोटा की अनुमति नहीं देता है, लेकिन उनकी आदत हो गई है कि ‘कोटे के लोटे से आरक्षण की अफीम चटाओ’ और वोटों का ध्रुवीकरण करो. इससे कोई भी फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि ये चीजें बार-बार एक्सपोज हो रही हैं. इस तरह के सांप्रदायिक छल को संवैधानिक बल से ध्वस्त करने की जरूरत है.”
–
एकेएस/