मैसूर (कर्नाटक), 16 अक्टूबर . कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया है कि कांग्रेस आलाकमान ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में राज्य से एक पैसा भी नहीं मांगा है.
इस संबंध में पत्रकारों द्वारा भाजपा के आरोपों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि इस संबंध में भाजपा का बयान निराधार और राजनीति से प्रेरित है.
भाजपा ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु में आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान जब्त की गई भारी नकदी (42 करोड़ रुपये) विशेष रूप से चुनावी राज्य तेलंगाना और राजस्थान के लिए थी.
सिद्धारमैया ने कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई विरोध प्रदर्शन करेंगे तो भी राज्य के लोग उन पर विश्वास नहीं करेंगे. जब उनसे पूछा गया कि यह पैसा कथित तौर पर कांग्रेस पार्टी से जुड़े एक ठेकेदार के घर से मिला है, तो सीएम ने जवाब दिया कि वह कहेंगे कि ठेकेदार भाजपा से जुड़ा हुआ है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जांच कराने की कोई जरूरत नहीं है, आयकर विभाग ने अपना काम कर दिया है. अगर किसी के घर में पैसा मिलता है तो इसे राजनीतिक संबंध देना सही नहीं है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही भाजपा ने यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है.
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में होने वाले चुनावों और हमारे राज्य में कोई संबंध नहीं है.
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि का आरोप कि नेताओं को पैसा इकट्ठा करने के लिए टारगेट दिया जाता है, सिद्धारमैया ने कहा कि रवि झूठ बोलने के लिए जाने जाते हैं. उनके झूठ का जवाब देने की जरूरत नहीं है, उनका बयान निराधार है.
बिजली संकट पर बात करते हुए सीएम ने कहा, बारिश की कमी के कारण किसानों के पंप सेटों की बिजली आपूर्ति बाधित है. “आम तौर पर अक्टूबर तक 10,000 मेगावॉट की मांग थी. लेकिन, बारिश नहीं होने के कारण खपत बढ़कर 16,000 मेगावॉट हो गई है, 2,000 मेगावॉट की कमी है. उन्होंने कहा, अधिकारियों को अन्य राज्यों से बिजली खरीदने के लिए निर्देश दिया गया है.“
बैठक कर किसानों को तीन चरणों में पांच घंटे बिजली देने का निर्देश दिया गया. सीएम ने कहा, यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की गई है कि किसान लोड शेडिंग से प्रभावित न हों.
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