राष्ट्रहित के मुद्दे से दूर जा चुकी है कांग्रेस, अय्यर और पित्रोदा का बयान विचारधारा का रिफ्लेक्शन : रोहन गुप्ता

नई दिल्ली, 10 मई . कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और सैम पित्रोदा के बयान पर जारी सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब, रोहन गुप्ता ने दोनों नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस की विचारधारा पर ही सवालिया निशान लगा दिया है.

भाजपा नेता रोहन गुप्ता का कहना है कि दोनों (अय्यर और पित्रोदा) कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता हैं. लंबे समय से पार्टी के लिए योजना और नीति तैयार करते हैं. दोनों नेताओं का निजी बयान नहीं है, इनके बयान को मैं कांग्रेस पार्टी के बयान से जोड़कर मानता हूं. ऐसे बयान दर्शाते हैं कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रहित के मुद्दे से कितनी दूर जा चुकी है.

उन्होंने आगे कहा कि इनका पाकिस्तान प्रेम नया नहीं है. जिस देश की जनता ने 60 सालों तक राष्ट्रहित और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को वोट दिया, अब वही पार्टी इस रास्ते से बुरी तरह से भटक चुकी है. इसकी एक मिसाल मणिशंकर अय्यर हैं. हर दूसरे दिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. इसे आप सामान्य तौर पर नहीं ले सकते हैं, क्योंकि, यह उनके और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का रिफ्लेक्शन है.

उनके मुताबिक, “नेताओं के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से खंडन का दौर शुरू हो जाता है. कब तक खंडन करते रहेंगे. ये किसी नेता के बयान की बात नहीं है, कांग्रेस पार्टी की विचारधारा की बात है. सैम पित्रोदा के इस्तीफे से हकीकत नहीं बदलने वाली है. बयानों का सिससिला तो चलता ही रहेगा, क्योंकि मूल विचारधारा में जो परिवर्तन आया है, कांग्रेस में लेफ्टिस्ट मानसिकता के लोगों को फैसले लेने वाली जगहों पर बैठाने से पार्टी की सोच में बदलाव आया है. इस प्रकार की लेफ्टिस्ट मानसिकता, राष्ट्र के विरोध की मानसिकता, सनातन के अपमान पर चुप रहने की मानसिकता को देश की जनता कभी माफ नहीं करने वाली है.”

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाला में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने पर रोहन गुप्ता ने कहा कि कथित लिबरल नेता को देश के न्याय तंत्र ने सबक सिखाया है. जब किसी के ऊपर गंभीर आरोप लगते हैं, तो, ईडी मामले की जांच करती है. कोर्ट जब उसे जमानत नहीं देती है, तब कहा जाता है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. अगर सरकार की ओर से लोकतंत्र की हत्या होती तो सीएम केजरीवाल को जमानत क्यों मिलती. देश की जनता को समझना चाहिए कि जो गुनहगार होगा, उसे सजा मिलेगी, चाहे वो किसी भी दल का नेता हो.

उन्होंने आगे कहा कि शराब नीति के मामले में ऐसे सबूत हैं, जिसके आधार पर किसी पार्टी को पहली बार आरोपी बनाया गया. जब केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई है तो आप के नेता अब क्या कहेंगे? इससे पहले लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए बेल की मांग कर रहे थे. मेरा सीएम केजरीवाल से सवाल है कि शराब नीति मामले में जो सबूत आपके खिलाफ हैं, उसके सामने आने के बाद क्या आप जनता की आंखों से आंख मिला सकेंगे. क्या भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता को जवाब दे पाएंगे? आपके और आपकी पार्टी के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत हैं, जिसे कोई नहीं मिटा सकता है. आपका चेहरा उजागर हो चुका है. दिल्ली की जनता ने आपको टाटा, बाय-बाय करने का मन बना लिया है.

एकेएस/एबीएम