कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में एंबुलेंस घोटाले का आरोप लगाया, उच्चस्तरीय जांच की मांग

भोपाल, 4 अप्रैल . मध्य प्रदेश में एंबुलेंस घोटाले का मामला सामने आया है. किराए पर ली गई कई एंबुलेंस के भुगतान में अनियमितता के आरोप लग रहे हैं. सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, बीते ढाई सालों में लगभग 2000 एंबुलेंस को किराए पर लेने के लिए 900 करोड़ रुपए खर्च किए गए. कांग्रेस का आरोप है कि इस राशि से कई नई और आधुनिक एंबुलेंस खरीदी जा सकती थीं.

कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने समाचार एजेंसी न्यूज एजेंसी से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने प्रति एंबुलेंस करीब 45 लाख रुपए का भुगतान किया है, जबकि महज 15-20 लाख रुपए में नई एंबुलेंस खरीदी जा सकती थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के जरिए अधिकारियों ने लगभग 600 करोड़ रुपए का गबन किया है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.

बता दें कि भोपाल के जेपी अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक एंबुलेंस बिना इस्तेमाल के खड़ी धूल खा रही हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर इन एंबुलेंस की मरम्मत कर ली जाए तो इन्हें फिर से मरीजों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है. प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जहां एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को ठेले पर अस्पताल ले जाना पड़ा. गुना और मुरैना जिलों में तो एंबुलेंस का उपयोग सब्जी बेचने के लिए किए जाने की घटनाएं भी सामने आई हैं.

इस पूरे मामले पर जब स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि सरकार जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है. अगर किसी अधिकारी ने कोई अनियमितता की है, तो उसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

इस मामले पर अब राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. कांग्रेस इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाते हुए सीबीआई जांच की मांग कर रही है.

डीएससी/केआर