भोपाल, 10 अप्रैल . लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी एक्शन मोड में नजर आ रही है. भोपाल के कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में चुनावी घोषणापत्र को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला.
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने जातीय जनगणना से लेकर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने, आम आदमी के अधिकारों के हनन से लेकर वंचितों की उपेक्षा के गंभीर आरोप लगाए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की गैर-हाजिरी सियासी चर्चाओं के केंद्र में रही.
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभाग पटेल ने दावा किया कि कांग्रेस सत्ता में आती है तो आधी आबादी को पूरा हक देने के लिए सरकारी नौकरियों में 50 प्रतिशत पद आधी आबादी के लिए होगी, इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना किया जाएगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कांग्रेस के न्याय पत्र का जिक्र करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वे वर्तमान व्यवस्था से दुखी हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने केंद्र सरकार पर किसान विरोध नीतियां अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसानों को उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है. केंद्र और राज्य सरकार किसानों को लगातार तोड़ने का काम कर रही है. केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर समर्थन मूल्य को गारंटी कानून बनाएंगे.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इस घोषणा पत्र में समाज के हर वर्ग को जोड़ने का वादा किया गया है. समाज में बदलाव की जरूरत है. मौजूदा समय में चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति, कमजोर वर्ग के अधिकारों की बात नहीं करती. जनजाति वर्ग के लोग जो जंगल में रहते हैं उनके लिए कांग्रेस विशेष पहल करेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार की ओर से जातीय जनगणना नहीं कराए जाने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर हर 10 साल में जनगणना होती है लेकिन 2021 में होने वाली जनगणना नहीं हुई. जब तक जातीय जनगणना नहीं हो जाती तब तक यह पता नहीं लगेगा कि किसकी कितनी हिस्सेदारी है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राहुल गांधी की दोनों पदयात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन यात्राओं से जनता का जो दर्द सामने आया, उसे न्याय पत्र में शामिल किया गया है. उसी के आधार पर न्याय पत्र तैयार किया गया है. इस न्याय पत्र में पांच न्याय हैं. युवा, नारी, किसान, श्रमिक और हिस्सेदारी. हमने 25 गारंटी भी दी है.
एस एन पी/एकेएस