नई दिल्ली, 16 सितंबर . दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के ऐलान पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा है कि अगर अरविंद केजरीवाल ने नैतिक रूप से इस्तीफा देने का फैसला लिया है तो उन्होंने शराब घोटाले में नाम आने या जेल जाने पर ऐसा क्यों नहीं किया?
उनका कहना है कि अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के निर्णय से दिल्ली को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी. केजरीवाल कहते हैं कि जनता की अदालत में जाएंगे. जनता के फैसले के बाद ही मुख्यमंत्री पद पर बैठेंगे, अगर उन्हें जनता की सेवा करनी ही है तो बिना मुख्यमंत्री रहते हुए भी कर सकते है. जिस तरह से आईआरएस अधिकारी पद से इस्तीफा देकर वह समाज सेवा कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी (आप) को अपना जवाब लोकसभा चुनाव में दे चुकी है. जनता केजरीवाल का इंतजार कर रही है कि उन्होंने पिछले तीन विधानसभा और दो नगर निगम चुनावों में जो वादे किए थे, उनमें कितने पूरे किए हैं. केजरीवाल की नैतिकता उस समय कहां थी, जब दिल्ली सरकार और नगर निगम की लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी के कारण जलभराव, करंट, नालों में डूबने से 43 लोगों की जान चली गई. उन्होंने क्यों नहीं जेल से ही सबको न्याय देने के आदेश जारी किए, परंतु आज भी इन लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं.
उन्होंने आगे कहा, “एक-दूसरे पर आरोप की राजनीति का खेल चल रहा है. दिल्ली की जनता कोविड महामारी में मचे मौत के तांडव को भूली नहीं है. दिल्ली में स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, सफाई, सड़क, नाली, नाले, परिवहन, पर्यावरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर सबकुछ ध्वस्त हो चुका है. पिछले पांच वर्षों से ‘आप’ के विधायक क्षेत्र से गायब रहे. केजरीवाल सहित उनके मंत्री, विधायक, पार्षद यहां तक कि छोटे नेता तक भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और 20 मंत्री और विधायक जेल जा चुके हैं.
देवेंद्र यादव ने कहा, “हर चुनाव में उनकी नौंटकी, ‘आपका बेटा हूं, एक बार मौका दो’ को दिल्ली की जनता जान चुकी है. पूरी दिल्ली सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है. इस्तीफा देने से पहले केजरीवाल दिल्ली की जनता को पिछले चुनाव में दी गई 10 गारंटियों का हिसाब दें. केजरीवाल सरकार की नाकामियों के कारण 10 वर्षों में दिल्ली विकास और प्रगति के मामले में 50 साल पीछे हो गई है.”
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जीसीबी/एबीएम