उलेमा बोर्ड की मांगों को कांग्रेस ने किया मान्य : किरीट सोमैया

मुंबई, 10 नवंबर . ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने बीते दिनों महाविकास अघाड़ी को अपनी 17 मांगों वाला पत्र भेजा था. उलेमा बोर्ड ने अपने पत्र में कहा था कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को समर्थन देने के लिए तैयार हैं. लेकिन, उसकी एक शर्त है कि जब महाविकास अघाड़ी सत्ता में आ जाए, तो उसकी मांगों को पूरा करे. इसी पर अब भाजपा नेता किरीट सोमैया की प्रतिक्रिया सामने आई है.

उन्होंने कहा, “आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन से 17 मांगें की. इस पर अब महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पत्र लिखकर कहा कि उसे ये सभी मांगें मान्य हैं. उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष नायब अंसारी ने इस पत्र को अपने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया है. उन्होंने 31 अक्टूबर को अपने फेसबुक पर यह पत्र साझा किया. अब सवाल यह है कि झूठा कौन है, किरीट सोमैया, राहुल गांधी या उलेमा बोर्ड. अब क्या कांग्रेस उलेमा बोर्ड के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराएगी.”

दरअसल, महाराष्ट्र कांग्रेस ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि किरीट सोमैया ने जो पत्र भेजा है, वो फर्जी है. महाराष्ट्र कांग्रेस ने कहा, ”हार सामने देखकर, भ्रष्ट गठबंधन ने उन चीजों की नकली तस्वीरें बनाकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश शुरू कर दी है, जो कभी हुई ही नहीं, पत्र जो कभी गए ही नहीं. इस पत्र पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले जी के हस्ताक्षर भी फर्जी हैं. चाहे कितने भी फेक नैरेटिव हो, सच बाहर आ ही जाता है.” इसी पर अब किरीट सोमैया की यह प्रतिक्रिया सामने आई है.

बता दें कि बीते दिनों उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी को 17 मांगों वाला पत्र लिखा था. अपने पत्र में उलेमा बोर्ड ने कहा, “ हम महाविकास अघाड़ी को आगामी विधानसभा चुनाव में समर्थन देने के लिए तैयार हैं , लेकिन हमारी कुछ मांगें हैं, जिन्हें अगर मान लिया जाए , तो हमें आगामी चुनाव में महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने में कोई आपत्ति नहीं होगी.”

पत्र में महाविकास अघाड़ी से वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का विरोध, नौकरियों और शिक्षा में मुस्लिम समुदाय को 10 फीसद आरक्षण देने, महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान की जमीन का सर्वे कराए जाने, महाराष्ट्र के वक्फ मंडल के विकास के लिए 1 हजार करोड़ रुपये का फंड देने, साल 2012 से 2024 के बीच दंगे फैलाने के आरोपों में जेल में बंद निर्दोष मुसलमानों को बाहर निकालने की मांग की गई थी. इसी तरह की कई अन्य मांगें भी उलेमा बोर्ड द्वारा की गई थी, जिसे लेकर अभी महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज है.

बता दें कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होने हैं और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को होगी. इसके बाद ही यह साफ होगा कि सूबे में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है.

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