उम्मीदवारों के चयन को लेकर तृणमूल में घमासान, सयंतिका बनर्जी ने दिया इस्तीफा

कोलकाता, 11 मार्च . आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन को लेकर तृणमूल कांग्रेस में आंतरिक कलह शुरू हो गई है.

पार्टी के उम्मीदवारों की सूची की घोषणा रविवार दोपहर में की गई. घोषणा के कुछ घंटों बाद, पार्टी की राज्य महासचिव और अभिनेत्री से नेता बनी सयंतिका बनर्जी ने पद से इस्तीफा दे दिया.

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने इस्तीफा दिया है.

पार्टी के उनके करीबी सूत्रों ने कहा कि अपने इस्तीफे में, बनर्जी ने विस्तार से बताया है कि कैसे उन्होंने पार्टी लाइन के अनुसार काम किया और तीन वर्षों से नियमित रूप से पार्टी कार्यक्रमों में भाग लिया.

दरअसल, उनकी नाराजगी अभिषेक बनर्जी द्वारा उम्मीदवारों की सूची घोषित करने के तुरंत बाद ही स्पष्ट हो गई थी. वह ब्रिगेड परेड मैदान में मेगा रैली में मौजूद थीं, जहां से उम्मीदवारों की घोषणा की गई.

इस घोषणा के बाद उन्हें गंभीर चेहरे के साथ कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलते और अपने मोबाइल फोन पर किसी से बात करते देखा गया. बनर्जी ने 2021 में पश्चिम बंगाल में बांकुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि, वह हार गईं. इसके बाद उन्हें पार्टी का राज्य महासचिव बनाया गया.

बनर्जी ने जहां अपना इस्तीफा दे दिया है, वहीं उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद अर्जुन सिंह ने तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है. सिंह का नाम उम्मीदवारों सूची से हटा दिया गया है और उनके स्थान पर पार्टी ने राज्य के सिंचाई मंत्री पाठा भौमिक को उम्मीदवार बनाया है.

लोकसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़ने के बाद 2019 में अर्जुन सिंह भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुने गए. लेकिन 2022 में अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में वह फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.

सिंह ने आरोप लगाया है कि जब वह 2022 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए, तो उन्हें बैरकपुर से उम्मीदवार बनाने का वादा किया गया था. लेकिन अब मुझे क्षेत्र से बाहर का बताते हुए टिकट देने से इनकार कर दिया गया है. पार्टी का फैसला मेरे लिए काफी चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा, अगर मुझे पहले बताया गया होता, तो मैं पार्टी में शामिल नहीं होता.

बार-बार पूछे जाने के बावजूद वह अपने अगले राजनीतिक कदम के बारे में चुप रहे. अर्जुन सिंह के सहयोगी बैरकपुर से भौमिक को उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.

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