हमीरपुर, 19 नवंबर . सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर पावर प्रोजेक्ट का पैसा न चुकाने को लेकर हमला बोला है.
उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति में पावर प्रोजेक्ट लगाने वाली कंपनी को पैसा अभी तक सरकार द्वारा नहीं चुकाया गया है. इसके चलते दिल्ली के हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया है. हिमाचल के इतिहास में यह शर्मनाक घटना है और ऐसा पहली बार हो रहा है.
राजेंद्र राणा ने अपने बयान में कहा कि जब हिमाचल प्रदेश में आपदा आई थी तो उसे समय व्यास नदी के किनारे लगे सभी क्रेशर को बंद कर दिया गया था. लेकिन नादौन में एक क्रेशर को खुला रखा गया. इस क्रेशर द्वारा अवैध तरीके से खनन की गई. लेकिन अफसोस की बात है कि प्रदेश सरकार उस क्रेशर मालिक पर कार्रवाई करने में असफल रही. जिस तरह से सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, उससे कई तरह के सवाल पैदा होते है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को क्रेशर मालिकों के साथ संबंध को सार्वजनिक करना चाहिए.
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने मित्रों और अपने संबंधियों के लिए वफादार साबित हो रहे हैं. प्रदेश के सरकारी खजाने का पैसा मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. प्रदेश के खजाने को खाली करने के लिए सुक्खू सरकार जिम्मेदार है और उन्हें इसका जवाब प्रदेश की जनता को देना चाहिए.
वहीं हमीरपुर सदर से भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार जनकल्याण के काम करवाने में पूरी तरह से असफल सिद्ध हुई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश में विकास की बजाय सत्ता के सुख भोगने में व्यस्त हैं. प्रदेश की जनता मौजूदा सरकार की नीतियों से परेशान हो चुकी है. 2025 विधानसभा में राज्य में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी.
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एकेएस/