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Lucknow, 28 नवंबर . इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने असम विधानसभा में पारित ‘बहुविवाह निषेध विधेयक-2025’ पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि एक से ज्यादा शादी का कॉन्सेप्ट इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है.
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने से बातचीत में कहा, “हमारे मुल्क के संविधान ने हर शहरी को अपने मजहब पर अमल करने की पूरी आजादी दी है और धार्मिक स्वतंत्रता सभी का मौलिक अधिकार है. हर समुदाय को इस बात का भी कानूनी हक है कि वो अपने पर्सनल मामलों में अपने पर्सनल कानूनों पर अमल कर सकता है.”
उन्होंने आगे कहा, “एक से ज्यादा शादी का कॉन्सेप्ट इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है. मुल्क के आइन के खिलाफ कोई कानून बनता है तो उसे कैसे वैध करार दिया जा सकता है?”
‘असम बहुविवाह निषेध विधेयक’ पर कांग्रेस सांसद तनुज पूनिया ने विरोध किया और कहा कि दोनों समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कहा, “बहुविवाह निषेध विधेयक में Governmentी नौकरी और वोटिंग अधिकार खत्म करने का प्रावधान सही नहीं है. वोटिंग और नौकरी सभी का अधिकार होता है, जिसे कोई नहीं छीन सकता है.”
तनुज पूनिया ने अपने बयान में कहा, “देश में अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं, जिनके लिए कानून बने हैं. असम Government को उन लोगों के कानूनों को भी ध्यान में रखना चाहिए. निश्चित रूप से यह समुदायों के बीच फूट डालने का प्रयास किया जा रहा है. कुछ वर्गों को दबाने की कोशिश की जा रही है.”
हालांकि, Samajwadi Party (सपा) के नेताओं ने असम की भाजपा Government की तरफ से लाए गए ‘बहुविवाह निषेध विधेयक’ का समर्थन किया है.
सपा विधायक रागिनी सोनकर ने कहा, “अगर एक से ज्यादा शादियों को लेकर कोई नियम लाया जा रहा है और यह बिल बन रहा है, तो मेरा मानना है कि निश्चित रूप से हर कोई इससे सहमत होगा.”
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डीसीएच/