महाकुंभ नगर, 2 फरवरी . प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के अमृत स्नान पर्व बसंत पंचमी पर काशी से प्रसिद्ध कथा वाचक दिनेशानंद आस्था की नगरी पहुंचे. उन्होंने कुंभ की दिव्यता और भव्यता को देखकर अपनी श्रद्धा प्रकट की और इसे अद्वितीय आध्यात्मिक आयोजन बताया.
दिनेशानंद ने कहा कि वे काशी से आए हैं और सनातन धर्म के सच्चे भक्त हैं. धर्म ही उनका कर्म है और वे इसे वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए संकल्पित हैं. इस प्रेरणा और दायित्व को वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्राप्त कर रहे हैं, जो सनातन संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. पीएम मोदी और सीएम योगी भारतीय संस्कृति के पुनर्जागरण के प्रतीक बन चुके हैं और उनके प्रयासों से महाकुंभ जैसे आयोजन और अधिक प्रभावशाली हो रहे हैं.
उन्होंने महाकुंभ के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कुंभ 144 वर्षों बाद आया है, जहां श्रद्धा और भक्ति का दिव्य संगम है. उन्होंने इसे एक “भव्य डिजिटल महाकुंभ” बताया और कहा कि यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक है, बल्कि आधुनिक भारत के विकास और सांस्कृतिक उत्थान का भी उदाहरण है. उनके अनुसार, प्रयागराज में होने वाले इस महाकुंभ का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है और यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रमाण है.
दिनेशानंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक विशेष संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि मोदी की इच्छाशक्ति, दूरदृष्टि और भक्ति भाव पूरे विश्व के लिए मानव कल्याण का कार्य कर रहे हैं, जिसकी वे सराहना करते हैं. उन्होंने महाकुंभ की भव्यता और इसके सफल आयोजन के लिए सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की और इसे सनातन संस्कृति के प्रसार में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
उन्होंने कहा कि कुंभ न केवल आस्था का संगम है, बल्कि यह सनातन धर्म की महानता का परिचायक भी है. ऐसे आयोजनों से भारत की सांस्कृतिक विरासत और मजबूत होती है, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी इसका लाभ मिलेगा.
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