बेगूसराय, 21 अक्टूबर . बिहार की औद्योगिक और वित्तीय राजधानी के रूप में विख्यात बेगूसराय न केवल गंगा के उत्तरी तट पर बसा एक ऐतिहासिक शहर है, बल्कि यह राज्य के 38 जिलों में से एक प्रमुख जिला मुख्यालय भी है. मिथिला क्षेत्र का अभिन्न अंग यह शहर सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है.
मुंगेर जिले के अनुमंडल के रूप में 1870 में स्थापित बेगूसराय को 1972 में पूर्ण जिला का दर्जा मिला. इसका नाम ‘बेगम सराय’ से प्रेरित माना जाता है, जहां भागलपुर की बेगम सिमरिया घाट पर धार्मिक यात्रा करती थीं. आज यह जिला बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, गंगा, बूढ़ी गंडक और करेहा-बागमती के बीच कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था के साथ औद्योगिक हब के रूप में उभरा है.
संस्कृति और अर्थव्यवस्था के लिहाज से बेगुसराय में हिंदी और मैथिली प्रमुख भाषाएं हैं. वहीं, कृषि यहां की रीढ़ है, लेकिन बरौनी रिफाइनरी राज्य को सालाना करीब सैकड़ों करोड़ रुपए का राजस्व देती है. इसके अलावा हिंदुस्तान फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड और थर्मल पावर प्लांट जैसे उद्योग रोजगार के अवसर पैदा करते हैं.
अगर Political परिदृश्य की बात करें तो 20वीं सदी की शुरुआत में भूमिहार समुदाय का दबदबा था, जो कांग्रेस और बाद में जद (यू) का समर्थन करता रहा. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के दौर में यहां भूमि सुधार और सामाजिक न्याय की लहर चली. बाद में यहां पर हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिला और सीपीआई का प्रभाव कम हुआ.
1951 में स्थापित बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र बेगूसराय Lok Sabha के सात विधानसभा क्षेत्रों, चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमल, बेगूसराय और बखरी (एससी), में से एक है. 18 चुनावों में कांग्रेस ने आठ बार, भाजपा ने छह बार जीत हासिल की. सीपीआई को तीन जीत मिलीं. वर्तमान विधायक भाजपा के कुंदन कुमार हैं, जिन्होंने 2020 में कांग्रेस की अमिता भूषण को 4,554 वोटों से हराया. 2024 Lok Sabha चुनाव में गिरिराज सिंह को यहां से 25,633 वोटों की बढ़त मिली.
चुनाव आयोग की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक बेगुसराय विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 5,94,850 है. इनमें पुरुषों की संख्या 3,13,988 और महिलाओं की संख्या 2,80,862 है. वहीं, अगर मतदाताओं की बात करें तो बेगुसराय विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,59,529 है, जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,89,692 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,69,829 है, जबकि थर्ड जेंडर के 8 मतदाता हैं.
बेगूसराय औद्योगिक विकास के साथ Political उथल-पुथल का केंद्र है. भाजपा ग्रामीण-शहरी समर्थन पर भरोसा कर रही है, जबकि विपक्ष सामाजिक न्याय का मुद्दा उठा रहा है. चुनावी जंग में यह सीट निर्णायक साबित हो सकती है. विकास और बुनियादी सुविधाओं पर जोर देकर एनडीए मजबूत स्थिति में है, लेकिन स्थानीय असंतोष चुनौती पैदा कर सकता है. बिहार की सियासत में बेगूसराय की भूमिका हमेशा अहम रही है.
बता दें कि बिहार चुनाव में दो चरणों, 6 और 11 नवंबर, में मतदान है. सभी सीटों के नतीजे 14 नवंबर को सामने आएंगे. बेगूसराय में मतदान पहले चुनावी चरण में प्रस्तावित है.
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एससीएच/वीसी