Mumbai , 23 अगस्त . एडीएजी के प्रमुख और उद्योगपति अनिल अंबानी के आवास पर सीबीआई द्वारा की गई तलाशी को लेकर उनके प्रवक्ता की ओर से एक बयान जारी किया गया है. बयान के अनुसार, सीबीआई की तलाशी Friday दोपहर समाप्त हुई.
बयान में कहा गया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा दर्ज की गई शिकायत एक दस साल पुराना मामला है. उस समय अनिल अंबानी केवल नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (गैर-कार्यकारी निदेशक) की भूमिका में थे और कंपनी के दैनिक संचालन से उनका कोई लेना-देना नहीं था.
प्रवक्ता ने इस बात पर जोर दिया कि एसबीआई ने इसी मामले में पांच अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई वापस ले ली थी, लेकिन अनिल अंबानी को विशेष रूप से निशाना बनाया गया है. यह एकपक्षीय रवैया समझ से परे है.
बयान में आगे कहा गया कि वर्तमान में रिलायंस कम्युनिकेशंस की जिम्मेदारी क्रेडिटर्स की एक कमेटी के पास है, जिसका नेतृत्व एसबीआई कर रही है और इसे एक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) की निगरानी में चलाया जा रहा है. यह मामला पिछले छह वर्षों से नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) और अन्य न्यायिक मंचों, जिसमें Supreme court भी शामिल है, के सामने लंबित है.
अनिल अंबानी ने एसबीआई की ओर से की गई घोषणाओं को कानूनी रूप से चुनौती दी है और यह मामला फिलहाल विचाराधीन है.
प्रवक्ता ने साफ कहा कि अनिल अंबानी सभी आरोपों को सख्ती से नकारते हैं और पूरे सम्मान के साथ कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से अपना पक्ष रखेंगे.
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देशभर में इस तलाशी को लेकर चर्चाएं तेज हैं. हालांकि, अनिल अंबानी की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि उन्होंने किसी भी स्तर पर कोई गलत काम नहीं किया है, और वह न्यायिक मंचों पर अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि अनिल अंबानी कानून में पूरी आस्था रखते हैं और जो भी कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, उसमें पूरा सहयोग देंगे और मजबूती से अपनी बात रखेंगे.
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वीकेयू/एबीएम