नई दिल्ली, 16 दिसंबर . क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिए फंड जुटाने की प्रक्रिया 2024 में अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई. पहली बार किसी कैलेंडर वर्ष में क्यूआईपी से निवेश एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया. इस मामले में कंपनियों के शानदार प्रदर्शन की वजह मजबूत शेयर बाजार और उच्च मूल्यांकन है.
प्राइम डेटाबेस द्वारा इकट्ठा आंकड़ों के अनुसार, इस साल नवंबर तक भारतीय कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए 1,21,321 करोड़ रुपये जुटाए हैं. यह पिछले कैलेंडर वर्ष में जुटाए गए 52,350 करोड़ रुपये के दोगुने से भी अधिक है.
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष नवंबर तक 82 कंपनियों ने क्यूआईपी जारी कर पूंजी बाजार में प्रवेश किया है. बीते साल समान अवधि में 35 कंपनियों ने क्यूआईपी से 38,220 करोड़ रुपये जुटाए थे.
इस वर्ष इस रिकॉर्ड को लेकर प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में वेदांता ग्रुप और फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो का नाम आगे रहा. दोनों ने क्यूआईपी से अलग-अलग 8,500 करोड़ रुपये तक जुटाए. इसके बाद अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और वरुण बेवरेजेज का स्थान रहा, जिन्होंने क्रमशः 8,373 करोड़ रुपये और 7,500 करोड़ रुपये जुटाए.
वर्ष 2024 के दौरान दूसरे महत्वपूर्ण क्यूआईपी लेन-देन में संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल ने 6,438 करोड़ रुपये जुटाए और गोदरेज प्रॉपर्टीज ने 6,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाया. इसी तरह केईआई इंडस्ट्रीज ने 2,000 करोड़ रुपये जुटाए.
क्यूआईपी संस्थागत निवेशकों से धन जुटाने के सबसे तेज प्रोडक्ट में से एक है. इसे लिस्टेड कंपनियों और निवेश ट्रस्टों के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें कंपनियों को प्री-इश्यू फाइलिंग की आवश्यकता नहीं होती और संस्थागत निवेशकों से शॉर्ट नोटिस पर धन जुटाया जा सकता है.
इसके अलावा, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में पिछले सप्ताह लगभग 40 स्टार्टअप ने 78.7 करोड़ डॉलर से अधिक की फंडिंग प्राप्त की. इन सौदों में 16 विकास-चरण के सौदे और 23 प्रारंभिक-चरण के सौदे शामिल थे. यह इससे पहले के सप्ताह में 18 सौदों में कुल मिलाकर जुटाए गए 25 करोड़ डॉलर के मुकाबले बड़ा उछाल है.
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एसकेटी/एकेजे